तीस शेयरों वाला सूचकांक बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कमजोरी से जल्द ही उबर गया था और एक समय इसने 369.56 अंक की बढ़त ले ली थी, लेकिन फिर इसमें अस्थिरता हावी हो गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 55.550.30 अंक पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले की तुलना में 85.91 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है।
इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी उतार-चढ़ाव से गुजरने के बाद अंत में 35.55 अंक यानी 0.21 प्रतिशत बढ़कर 16,630.45 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज, पावरग्रिड, आईटीसी और टाइटन लाभ में रहीं। वहीं नेस्ले, मारुति सुजुकी इंडिया, टाटा स्टील, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और एक्सिस बैंक को नुकसान उठाना पड़ा।
जूलियस बायर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुछला ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार वैश्विक बाजारों के रुझान पर चल रहे हैं और इसी वजह से उठापटक देखी जा रही है। उन्होंने कहा, भू-राजनीतिक मोर्चों पर आने वाली खबरों से बाजार में उतार-चढ़ाव आ रहे हैं।
मुछला ने कहा कि बाजार में इस समय अल्पावधि एवं मध्यम-अवधि के लिए अनिश्चितता बनी हुई है। यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुए तनाव के साथ अमेरिका में फेड रिजर्व के कदम पर भी नजरें टिकी हुई हैं। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग और टोक्यो के सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए जबकि शंघाई बाजार में थोड़ी तेजी दर्ज की गई। अमेरिका में शेयर बाजार बृहस्पतिवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 111.4 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय बाजारों में बिकवाली का सिलसिला जारी है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार बृहस्पतिवार को विदेशी निवेशकों ने 1,981.15 करोड़ रुपए मूल्य के शेयरों की बिक्री की।(भाषा)