शास्त्री ने कहा द्रविड़ भारतीय क्रिकेट को ले जाएंगे नई ऊंचाइयों पर, ड्रेसिंग रूम में दिया भावुक संदेश
मंगलवार, 9 नवंबर 2021 (17:02 IST)
दुबई: कुछ ही देर में भारत के पूर्व मुख्य कोच बनने वाले रवि शास्त्री को लगता है कि उनके उत्तराधिकारी राहुल द्रविड़ को विरासत में एक शानदार टीम मिली है और उम्मीद जतायी कि वह एक खिलाड़ी और कोच के रूप में अपने अनुभव से उसे नयी ऊंचाईयों पर ले जाएंगे।नामीबिया के खिलाफ टी20 विश्व कप मैच के साथ ही शास्त्री का मुख्य कोच के रूप में कार्यकाल समाप्त हो गया।
शास्त्री के बाद राहुल द्रविड़ मुख्य कोच की भूमिका निभाएंगे। शास्त्री के अनुसार द्रविड़ इस टीम के लिए "बेहतरी के स्तर" को बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा, "क्योंकि यहां अभी भी बहुत सारे खिलाड़ी हैं जो अगले तीन-चार साल तक खेलेंगे। यह एक ऐसी टीम नहीं है जो रातों-रात संक्रमण में हो और इससे सबसे बड़ा फ़र्क पड़ेगा। विराट अभी भी टीम का हिस्सा है। उन्होंने टीम के कप्तान के रूप में शानदार काम किया है। पिछले पांच वर्षों में वह टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े प्रवक्ताओं में से एक रहे हैं और जिस तरह से उन्होंने सोचा है कि हमें कैसा खेल खेलना हैं और जिस तरह से टीम ने उनका साथ दिया है, वह सराहनीय है।"
साल 2012 के बाद पहली बार भारत किसी आईसीसी ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल चरण से पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गया। सफ़ेद गेंद की क्रिकेट के अलावा इस टीम ने टेस्ट मैचों में निरंतर सफलता प्राप्त की है जिसमें ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट सीरीज़ जीत और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ में 2-1 की बढ़त शामिल है। इस दौरान भारत एक ऐसी टीम बन गई है जो सभी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। टीम के मुख्य कोच के रूप में अपने अंतिम दिन पर रवि शास्त्री ने इन उपलब्धियों पर विचार किया और विश्व कप से बाहर होने के पीछे के कारणों पर रोशनी डाली।
शास्त्री नामीबिया के ख़िलाफ़ भारत के आख़िरी सुपर 12 मैच से पहले ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "जब मैंने यह पद संभाला था, तब मैंने अपने मन में कहा था कि मुझे फ़र्क पैदा करना है और मुझे लगता है मैंने वह फ़र्क पैदा किया। जीवन में कभी-कभी यह मायने नहीं रखता कि आपने क्या हासिल किया बल्कि यह मायने रखता है कि आपने किन चुनौतियों को पार किया। भले ही यहां हम बाहर हो गए हो, पिछले पांच वर्षों में जिस तरह से इस टीम ने दुनियाभर में जाकर, सभी प्रारूपों में शानदार प्रदर्शन किया है, वह इसे क्रिकेट इतिहास की एक महान टीम बनाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम इस टूर्नामेंट से बाहर हो गए लेकिन यह इस महान टीम से कुछ भी छीन नहीं सकता।"
शास्त्री ने जुलाई 2017 में दूसरी बार भारत के कोच के रूप में पदभार संभाला था और एक ऐसी टीम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया था जो घर से दूर जाकर जीत सके।उन्होंने आगे कहा, "सभी प्रारूपों में (सकारात्मक पहलू) बहुत है। लेकिन मैं कहूंगा कि टेस्ट क्रिकेट में दुनिया भर में जाकर जीतना - वेस्टइंडीज़, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वहां हम सीरीज़ में आगे हैं और यह टेस्ट क्रिकेट की सबसे लंबी बढ़त हो सकती है। सफ़ेद गेंद वाली क्रिकेट में भी हमने हर टीम को हराया, फिर चाहे वह टी20 हो या वनडे, हमने टीमों को उनके घर में जाकर मात दी है। घर पर तो हम हमेशा टीमों पर हावी होते है लेकिन विदेश में जाकर जीतना मेरा और पूरी टीम का उद्देश्य था। इस टीम ने दिखाया है कि वह बहुत कुछ कर सकती है।"
इसके अलावा रवि शास्त्री ने ड्रेसिग रूम में टीम को एक भावुक संदेश भी दिया जो बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर अपलोड किया।
Must Watch: A stirring speech to sign off as the #TeamIndia Head Coach
Here's a snippet from @RaviShastriOfc's team address in the dressing room, reflecting on the team's journey in the last few years. #T20WorldCup#INDvNAM
भारत टी20 विश्व कप का एक प्रबल दावेदार बनकर आया था लेकिन कई कारणों की वजह से टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई, जिनमें से एक बड़ा कारण था खिलाड़ियों की थकान।
इस पर शास्त्री ने कहा, "मैं मानसिक रूप से थका हुआ हूं लेकिन यह मेरी उम्र में होता है। छह महीने बायो-बबल में रहने के बाद यह खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं। आदर्श रूप से हम आईपीएल और टी20 विश्व कप के बीच एक बड़ा अंतर पसंद करते। तो जब बड़े मैच आते है, जब अतिरिक्त दबाव होता है, तब आप तुरंत ख़ुद को उसका सामना करने के लिए तैयार नहीं कर पाते हैं। यह कोई बहाना नहीं है। हम हार को स्वीकार करते हैं क्योंकि हमें हारने से डर नहीं लगता। जीतने के प्रयास में आप कभी-कभी हारेंगे। यहां हमने जीतने की कोशिश नहीं की क्योंकि वह एक्स-फैक्टर ग़ायब था।"