ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर इस बात से राहत महसूस कर रहे हैं कि वे यहां होने वाले टी20 विश्व कप के बाद संन्यास ले लेंगे। उन्हें उम्मीद है कि वास्तविक क्रिकेट प्रेमी उन्हें ऐसे खिलाड़ी के रूप में देखेंगे जिसने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से खेल को बदलने की कोशिश की जबकि वह एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिसे आलोचनाओं से जूझना पड़ा।
इस साल की शुरुआत में टेस्ट और एकदिवसीय प्रारूप से संन्यास लेने वाले वार्नर अमेरिका और वेस्टइंडीज में चल रहे विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
सैंतीस साल के वार्नर को 2018 के सैंडपेपर गेट प्रकरण में शामिल होने के कारण क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक साल के लिए प्रतिबंधित किया था लेकिन राष्ट्रीय टीम में वापसी के बाद से उन्हें काफी सफलता मिली।
वार्नर ने न्यूज कॉर्प से कहा, वापसी करते हुए 2018 से मैं शायद अकेला ऐसा खिलाड़ी रहा हूं जिसने बहुत आलोचना झेली है।उन्होंने कहा, जब मैं वापस आया तो मेरे लिए चीजें आसान नहीं थी और मुझे यह पता था। मैंने अपने करियर में काफी कुछ झेला है। मैं शायद अकेला ऐसा खिलाड़ी रहा हूं जिसने बहुत आलोचना झेली है, चाहे वे लोग हों जो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को पसंद नहीं करते या मुझे पसंद नहीं करते।
वार्नर ने सभी प्रारूपों में 49 शतक और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में करीब 19000 रन बनाए हैं। वह यहां बांग्लादेश के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के सुपर आठ मुकाबले से पहले बोल रहे थे।उन्होंने कहा, मैं हमेशा से ही ऐसा व्यक्ति रहा हूं जिसने इसका सामना किया है। मुझे हमेशा ऐसा लगता है कि मैंने बहुत से लोगों से बहुत दबाव कम किया है और मुझे लगता है कि मैं इसे झेलने में सक्षम रहा हूं।
इस सलामी बल्लेबाज ने कहा, लेकिन कोई केवल इतना ही झेल सकता है। मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि मैं अब इसे झेलने वाला नहीं हूं।वार्नर ने हालांकि इस तथ्य को स्वीकार किया कि उनका नाम हमेशा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान केपटाउन के न्यूलैंड्स में सैंडपेपर गेट प्रकरण से जुड़ा रहेगा। (भाषा)