रोहित शर्मा T20I World Cup के विजयी कप्तान के टूर्नामेंट के बाद के फोटो शूट के लिए जब यहां समुद्र तट की ओर बढ़े तो उन्होंने ट्रॉफी को एक नवजात शिशु की तरह पकड़ रखा था, एक शांत मुस्कान उनके चेहरे से हटने का नाम नहीं ले रही थी और वह विश्व चैंपियन होने के अहसास से सराबोर थे।
आखिर भारतीय टीम ने एक दशक से अधिक समय तक विफल रहने के बाद अंतत: विश्व कप जीता।रोहित ने BCCI.TV से बात करते हुए 24 घंटे बाद अपने विचारों को समझने की कोशिश करते हुए हंसते हुए कहा, यह अवास्तविक लगता है। यह एक सपने जैसा लगता है। ऐसा लगता है कि यह हुआ ही नहीं है। हालांकि यह हुआ है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह हुआ ही नहीं है।
तटीय शहर ब्रिजटाउन तूफान से जूझ रहा है। यही बात भारतीय कप्तान के बारे में भी कही जा सकती है लेकिन उन्हें भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जो हर समय उन्हें समुद्र की विशाल लहर की तरह घेर लेती हैं।रोहित ने कहा, पिछली रात हमने अच्छा समय बिताया, हमने तड़के तक टीम के साथियों के साथ खूब मस्ती की।
The celebrations, the winning gesture and what it all means
वह मुस्कुराने से खुद को नहीं रोक पाए और फिर थोड़े भावुक हो गए। उन्होंने कहा, मैं कहूंगा कि मैं ठीक से सो नहीं पाया लेकिन मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरे पास वापस जाकर सोने के लिए बहुत समय है। मैं इस पल को जीना चाहता हूं, हर मिनट, हर सेकेंड जो बीत रहा है और मैं इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश करूंगा।
उन्होंने बताया कि 11 साल में पहली बार आईसीसी खिताब जीतने वाली भारतीय टीम का नेतृत्व करके कैसा लगा। उन्होंने कहा, मैच खत्म होने से लेकर अब तक यह एक शानदार पल रहा है। यही आपकी भावनाएं और अहसास है।
रोहित शीर्ष क्रम में शानदार प्रदर्शन की बदौलत टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ टीम में जगह बनाने में सफल रहे।रोहित ने कहा, हमने इतने लंबे समय तक इसके बारे में सपना देखा था, हमने इतने लंबे समय तक एक टीम के रूप में कड़ी मेहनत की और इसे (ट्रॉफी) अपने साथ देखकर काफी राहत महसूस हुई।
उन्होंने कहा, जब आप किसी चीज के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और अंत में आपको वह मिल जाती है तो वाकई बहुत अच्छा लगता है।
This picture epitomises how Im feeling right now. So many words but cant find the right ones to express what yesterday meant to me but I will, and I will share them, but right now Im basking in a dream come true for a billion of us. pic.twitter.com/X2eyU3Eaqm
लोगों को यह देखकर आश्चर्य हुआ और वे खुश हुए कि रोहित ने केनसिंगटन ओवल की पिच पर जाकर अपने मुंह में मिट्टी का एक छोटा सा कण डाला, ठीक वैसे ही जैसे नोवाक जोकोविच विंबलडन जीतने के बाद करते हैं।
इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि यह उस पल की भावनाओं में हुआ।रोहित ने कहा, कुछ भी पटकथा के अनुसार नहीं था। यह सब सहज रूप से हो रहा था। मैं उस पल को महसूस कर रहा था।उन्होंने कहा, जब मैं पिच पर गया, उस पिच पर जिसने हमें यह ट्रॉफी दी। मैं उस मैदान को अपने जीवन में हमेशा याद रखूंगा और उस पिच को भी। मैं उसका एक टुकड़ा अपने पास रखना चाहता था।रोहित ने कहा, वे पल बहुत खास हैं, वह जगह जहां हमारे सारे सपने पूरे हुए और मैं उसका कुछ हिस्सा चाहता था। (भाषा)