काबुल एयरपोर्ट की तरफ बढ़ रहे थे कई हमलावर, US एयरस्ट्राइक का बने निशाना

रविवार, 29 अगस्त 2021 (21:20 IST)
काबुल। काबुल एयरपोर्ट के पास एक हवाई हमला हुआ। इसमें एक रिहाइशी इलाके में निशाना बनाया गया था। पहले ये खबरें सामने आईं कि काबुल एयरपोर्ट के के पास रॉकेट से हमला किया गया है, लेकिन कुछ देर बाद अमेरिकी अधिकारियों और तालिबान ने दावा किया कि यह अमेरिका ने एयर स्ट्राइक की है। 

तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिकी सेना के हवाई हमले में एक गाड़ी में बैठे आत्मघाती हमलावार को निशाना बनाया गया है जो अमेरिका के देश से जाने के बीच हवाई अड्डे पर हमला करने की फिराक में था। 
ALSO READ: काबुल : अमेरिका ने दागे रॉकेट, तालिबान का बयान- आत्मघाती हमलावर पर US की एयरस्ट्राइक
प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने पत्रकारों को भेजे एक संदेश में कहा कि यह हमला रविवार को हुआ। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों से टिप्पणी के लिए तत्काल संपर्क नहीं हो सका। मीडिया में आई शुरुआती खबरों के मुताबिक ब्लास्ट में 2 लोगों की मौत की खबर है और 3 लोग घायल बताए जा रहे हैं। 
 
पुलिस ने कहा है कि काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उत्तर पश्चिम में स्थित एक इलाके में रविवार को एक रॉकेट आकर गिरा जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं, देश पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के अभियान को समाप्त करने की दिशा में बढ़ रहा है। दो हमले शुरु में अलग अलग घटनाएं लगीं, लेकिन दोनों घटनाओं को लेकर अधिक जानकारी नहीं मिल सकी है।

मची अफरा-तफरी : काबुल एयरपोर्ट के पास हुए हवाई हमले के बाद चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. लोग चीखते-चिल्लाते हुए अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते हुए नजर आए। जिस जगह पर हमला हुआ था। वहां से धुआं भी उठता हुआ दिखाई दिया।

आत्मरक्षा में किया एयरस्ट्राइक : अमेरिका ने इस रॉकेट हमले पर बयान में कहा कि सेना ने अपनी आत्मरक्षा में किया है। सेना के निशाने पर ISIS खुरासान का हमलावर था। सेना ने विस्फोटक से भरी गाड़ी को निशाना बनाया है। एयरपोर्ट पर हमला करना चाहता था आत्मघाती हमलावर।

वाहन में थी विस्फोटक सामग्री : यूएस सेंट्रल कमान के प्रवक्ता कैप्टन बिल अर्बन ने बताया कि अमेरिकी सैन्य बलों ने काबुल में आत्मरक्षा में एक वाहन पर आज मानव रहित यान (ड्रोन) से हमला किया, जिससे हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए आईएसआईएस-के का आसन्न खतरा टल गया। अर्बन ने कहा कि हमें विश्वास है कि हम लक्ष्य पर निशाना साधने में सफल रहे। वाहन में काफी विस्फोटक सामग्री होने का संकेत मिला था। 
 
अमेरिका नागरिकों के हताहत होने की संभावनाओं का आकलन कर रहा है, हालांकि फिलहाल इसके कोई संकेत नहीं है। अर्बन ने एक बयान में कहा कि भविष्य में संभावित खतरों के प्रति हम सतर्क हैं।  इससे पहले, तालिबान के एक प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में पत्रकारों को एक संदेश में कहा कि अमेरिकी हमले ने एक आत्मघाती हमलावर को निशाना बनाया, क्योंकि वह विस्फोटकों से लदा वाहन चला रहा था।
 
13 सैनिकों की मौत हुई थी : काबुल हवाई अड्डे पर धमाकों में 169 अफगानों और 13 अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने रविवार को ड्रोन से दूसरी बार हमला किया। अमेरिकी सेना ने शनिवार को कहा था कि उसने ड्रोन के जरिए किए गए हमले में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध आईएसआईएस-के के दो आतंकियों को मार गिराया था। काबुल हवाई अड्डे पर हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-के ने ली थी।

13 अमेरिकी सैनिकों को श्रद्धांजलि : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल हवाई अड्डे के पास हुए आत्मघाती हमले में मारे गए 13 अमेरिकी सैनिकों के परिजनों से रविवार को अकेले में मुलाकात की। हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के पार्थिव शरीर अफगानिस्तान से अमेरिका लाए गए थे। अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे के पास आत्मघाती हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के पार्थिव शरीर डोवर एयरफोर्स बेस पर लाये गए और इस दौरान आयोजित सैन्य कार्यक्रम में बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन को शामिल होना था।
 
हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों की आयु 20 से 31 वर्ष के बीच थी। मारे गए अमेरिकी सैनिकों में व्योमिंग निवासी 20 वर्षीय एक मरीन शामिल है, जिसकी पत्नी करीब तीन सप्ताह में अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली है। साथ ही इसमें 22 वर्षीय एक नेवी कोरमैन भी शामिल है, जिसने अपनी मां के साथ अपनी अंतिम बातचीत में उसे आश्वासन दिया था कि वह सुरक्षित रहेगा। हमले में मारे गए अमेरिकी सैनिकों में पांच की आयु केवल 20 वर्ष थी।
 
बाइडन ने शनिवार को एक बयान में कहा था ‍कि जिन 13 सैनिकों को हमने खोया, वे ऐसे नायक थे जिन्होंने हमारे सर्वोच्च अमेरिकी आदर्शों के लिए और दूसरों की जान बचाते हुए अपना बलिदान दिया। उनकी बहादुरी और नि:स्वार्थता ने अब तक 1,17,000 से अधिक लोग सुरक्षित हुए हैं।’ मारे गए अमेरिकी सैनिकों के परिजन भी ऐसे मौके पर आमतौर पर डोवर में उपस्थित रहते हैं। राष्ट्रपति के रूप में बाइडन पहली बार ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल हुए।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी