कौन हैं अमरुल्लाह सालेह? जो आखिरी दम तक तालिबान से लड़ेंगे

गुरुवार, 19 अगस्त 2021 (14:36 IST)
काबुल। अफगानिस्तान में भले ही तालिबान ने कब्जा कर लिया है और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ चुके हैं। लेकिन इन तालिबानियों की भी राह आसान नहीं है। अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने तालिबान के खिलाफ हुंकार भरी है और आखिरी दम तक लड़ने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने अपने आपको अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति भी घोषित कर दिया है।

ALSO READ: अफगानिस्‍तान की और भी बढ़ेंगी मुश्किलें, IMF ने भी रोकी अरबों डॉलर की मदद
 
अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर भले ही तालिबानियों का कब्जा हो गया हो, लेकिन अभी भी एक इलाका ऐसा है, जो तालिबानियों की पहुंच से दूर है और यह इलाका है पंजशीर घाटी। यहीं पर अमरुल्लाह सालेह डटे हुए हैं और तालिबान को चुनौती दे रहे  हैं। इन सबके बीच अफगानिस्तान में अब भी लोकतंत्र की एक उम्मीद नजर आ रही है।

ALSO READ: UN की खाद्य एजेंसी ने चेताया, अफगानिस्तान के 1.4 करोड़ लोगों पर भुखमरी का खतरा
 
सालेह ने गुरिल्ला कमांडर मसूद के साथ 1990 के समय युद्ध लड़ा था। 1990 में सोवियत समर्थित अफगान सेना में भर्ती होने से बचने के लिए सालेह विपक्षी मुजाहिदीन बलों में शामिल हुए थे। सालेह को खुले तौर पर पाकिस्तान का विरोधी माना जाता है, जबकि भारत का करीबी बताया जाता है।

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी