पूजन सामग्री : गीली काली मिट्टी या बालू, बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, आंक का फूल, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, फल एवं फूल पत्ते, श्रीफल, कलश, अबीर,चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, फुलहरा, विशेष प्रकार की 16 पत्तियां और 2 सुहाग पिटारा। इसी में से एक है फुलेरा।
3. बांस का होता है प्रयोग : फुलेरा बांस की पतली लकड़ियों को छिलकर बनाया जाता है। इसको बनाने के लिए कटर, टेप, रेशम धागा, कैची, रेजमाल और फूल आदि की आवश्यकता पड़ती है। इसमें विभिन्न रंगों के फूल का प्रयोग करते हुए उसे सुंदर से सुंदर बनाया जाता है।
4. फुलहरा की प्रमुख सामग्री : इसमें बिंजोरी, मौसत पुष्प, सात प्रकार की समी, निगरी, रांग पुष्प, देवअंतु, चरबेर, झानरपत्ती, लज्जाती, बिजिरिया, धतूरे का फूल, धतूरा, मदार, हिमरितुली, नवकंचनी, तिलपत्ती, शिल भिटई, शिवताई, चिलबिनिया, सागौर के फूल, नवबेलपत्र, हनुमंत सिंदूरी, वनस्तोगी आदि फूल पत्तियां या जड़ी बूटियां होती हैं।