जस्सी को एक ही गेट अप में देखते-देखते सभी ऊब चुके थे, इसका अहसास सीरियल के निर्देशक को भी हो गया होगा। अचानक ही जस्सी के गेटअप को बदलने का फैसला ले लिया गया। पहले भी फिल्मों में इस तरह के पात्रों की रचना की जा चुकी है लेकिन उसमें परिवर्तन इतनी तेजी से और आमूलचूल किया जाता है कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है। जबकि सीरियल जस्सी में ऐसा नहीं है।
जस्सी का रूप सीरियल की कामयाबी है और जस्सी ने इसे तब भी अपनाए रखा जब वह किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेती रही। आज जब युवतियाँ अपने अच्छे खासे रूप को लेकर परेशान रहती हैं और सुंदरता के लिए नए-नए प्रयोग करती रहती हैं, खासकर सीरियलों के माध्यम से फिल्मों में जगह बनाना चाहती हैं वहाँ जस्सी जैसी टॉप मॉडल रह चुकी लड़की का लगातार फूहड़ से गेटअप में रहना जिगर वाली बात है। हाँलाकि इसके लिए उसे अनुबंधित किया होगा, पर फिर भी बात तो तारीफ के काबिल है!
बात करें सीरियल में पात्र जस्सी की, जब सीरियल में जस्सी के रूप बदलने का प्रयास किया जाता है तो जस्सी यह कहकर विरोध करती है कि मैं ऐसी नहीं बन सकती। मैं जैसी हूँ वैसी अच्छी हूँ। पर यह बात कहाँ तक सत्य है? परिवर्तन तो प्रकृति का नियम है और जीवन में नए मोड़ उसे रोचकता ही प्रदान करते हैं।
यदि जस्सी जैसी ही कोई लड़की जो बुद्धिमान हो और साथ में सलीके से रहने की कला भी जानती हो तो उसके लिए यह सोने पर सुहागा ही होगा। अनुभव की बात है कि यदि बदलाव सुखद और सुरुचिपूर्ण हो तो उससे आपका जीवन उपवन की भाँति खिल जाता है।
एक असीम ताजगी का अहसास होता है। जरूरी नहीं है कि आप दूसरों के लिए असुविधाजनक फैशन अपनाएँ लेकिन अपने मन की खुशी के लिए, स्वयं को तरोताजा अनुभव करने के लिए बदलाव जरूरी है। अब जब आप सीरियल में जस्सी का बदला रूप देखेंगे तो निश्चित ही आपके चेहरे पर मुस्कान खिल जाएगी। बस यही है वह बात जिसका जिक्र करने का प्रयास है।