ऐ मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया, जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया - शकील बदायूँनी
रोज़ मय पी है, तुम्हें याद किया है लेकिन, आज तुम याद न आए, ये नई बात हुई - मख़मूर सईदी
ज़ुबाँ पर बेखुदी में नाम उसका आ ही जाता है, अगर पूछे कोई ये कौन है बतला नहीं सकता।
तुमको चाहा तो ख़ता क्या है बता दो मुझको, दूसरा कोई तो अपना-सा दिखा दो मुझको - दाग़
अपने ही घर में जब न मिला इसको आसरा, आँगन में मेरे आके खड़ी हो गई है धूप - अज़ीज़ अंसारी
हाल अपने घर का कुछ ऐसा है दोस्त, छत है नीची और सिर ऊँचा है दोस्त - अज़ीज़ अंसारी
अपने हर लफ्ज़ का खुद आईना हो जाऊंगा, उसको छोटा कह के मैं कैसे बड़ा हो जाऊंगा, सारी दुनिया की नजर में...
अब भी उसी की याद थपकती है मेरे ख्वाब, उसने बिछुड़ के भी मुझे तन्हा नहीं किया।
बच्चा-बच्चा जहाँ में सच्चा है,
भूल जा आदमी खराब हैं कुछ,
लोग अच्छे ज़माना अच्छा है - अज़ीज़ अंसारी
दिखाती हैं हमें मजबूरियाँ ऐसे भी दिन अक्सर,
उठानी पड़ती हैं फिर से हमें फेंकी हुई चीजें।
आप ही अपने काम आएँगे,
सीखिए खुद से मशवरा करना - नामालूम।
रूठने को तो चले रूठ के हम उनसे भले,
मुड़ के तकते थे के अभी कोई मनाकर ले जाए।
रोज मय पी है तुम्हें याद किया है लेकिन,
आज तुम याद न आए, ये नई बात हुई।
ना सुनो गर बुरा कहे कोई,
ना कहो, गर बुरा करे कोई - ग़ालिब
जान लेने का हक नहीं, वरना तीर तो मेरे कमान में भी था,
फैसले हमेशा सच के पक्ष में होते हैं, मैं अब त...
मेरा दिल मुझे कुछ समझा रहा है,
मैं कुछ दिल को नसीहत कर रहा हूँ - शेरी भोपाली
मेरी आँखों को वो बीनाई अता कर मौला,
एक आँसू भी नजर आए समंदर मुझको - मुनव्वर राना
अगर महसूस हो तुमको कभी, जब साँस लो 'नीरज',
हवाओं में घुला चन्दन, समझ लेना के होली है - नीरज गोस्वा
जो हो गया बिराना उसको फिर अपना कर लो,
होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो! - हरिवंशराय बच्चन
सारी बस्ती सुला के आई है,
ऐसा लगता है जैसे याद उसकी,
सारी दुनिया भुला के आई है।