क्यूँ परिन्दा उदास बैठा है

बिखरे तिनकों के पास बैठा है,
बूढ़े बरगद की शाख़ पर तन्हा,
क्यूँ परिन्दा उदास बैठा है - अज़ीज़ अंसारी

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