ऐसे किस्मत रूठी मनु से, टूटा पिस्टल का लीवर और हुई फाइनल से बाहर

सोमवार, 26 जुलाई 2021 (21:42 IST)
टोक्यो:भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पिस्टल में तकनीकी खराबी आने के कारण टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की दस मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल्स में जगह बनाने से मामूली अंतर से चूक गई।
 
दूसरी सीरिज में पिस्टल में तकनीकी खराबी के कारण मनु के पांच मिनट खराब हुए और मानसिक एकाग्रता वाले इस खेल में किसी की भी लय खराब करने के लिये उतना काफी था। अपने पहले ओलंपिक में मनु ने शुरूआत अच्छी की थी।
 
क्या खराबी आयी थी पिस्टल में
दरअसल मैच के दौरान मनु भाकर की पिस्टल का कॉकिंग लीवर टूट गया था। जिसके कारण वह अपनी गन दुबारा लोड नहीं कर पायी। एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के अनुसार कॉकिंग लीवर को खोल कर ही बैरल में गन लोड करी जा सकती है। तद्पश्चात ही शूटर शॉट लगा सकता है। जब तक लीवर बंद नहीं हो जाता तब तक शॉट नहीं लगाया जा सकता। मनु भाकर के साथ ऐसा ही हुआ। 
 
टीम के कोच और कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट रौनक पंडित ने इसको एक दुर्लभ घटना करार दिया। उन्होंने कहा कि कॉकिंग लीवर मेटल का बना होता है और इसके टूटने की उम्मीद कम होती है। हालांकि एक अतिरिक्त पिस्टल मौजूद थी।
 
शूटर को नही मिलता अतिरिक्त समय 
नियमानुसार वैध कारण बताने पर भी निशानेबाज को अतिरिक्त समय नहीं दिया जाता। किसी भी निशानेबाज को 6 सीरीज के 60 शॉट मारने के लिए 75 मिनट का समय दिया जाता है। मनु को अंतिम 38 मिनट में 44 शॉट्स मारने थे लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनके 17 मिनट बर्बाद गए और मानसिक एकाग्रता बनाए रखने के इस खेल में वह वापसी नहीं कर पायी।
 
मौका होता पर किस्मत नहीं थी साथ
पहली सीरिज में 98 के स्कोर के बाद उसने 95, 94 और 95 का स्कोर किया और शीर्ष 10 से बाहर हो गई।पांचवीं सीरिज में उसने वापसी की कोशिश की लेकिन छठी और आखिरी सीरिज में एक 8 और तीन 9 के स्कोर के बाद वह शीर्ष आठ में जगह नहीं बना सकी।

अगर वो 10 अंक स्कोर करती तो उनका स्कोर दो निशानेबाजों के समान हो जाता । ऐसे में फैसला शूटआउट से होता लेकिन कम स्कोर के कारण मनु से फाइनल का स्थान फिसल गया।
दो ओलंपिक खेल चुकी पिस्टल निशानेबाज हीना सिद्धू ने मनु का बचाव करते हुए कहा ,‘‘ जो लोग यह कहने में देर नहीं लगा रहे कि मनु दबाव का सामना नहीं कर सकी। मैं इतना जानना चाहती हूं कि पिस्टल में खराबी के कारण उसका कितना समय खराब हुआ। उसने दबाव के आगे घुटने नहीं टेके बल्कि उसका सामना करके अच्छा प्रदर्शन किया।’
 
उन्होंने कहा ,‘‘ 34 मिनट से भी कम समय में 575 स्कोर करना बताता है कि वह मानसिक रूप से कितनी दृढ है। खिलाड़ियों का आंकड़ों के आधार पर आकलन करना बंद कीजिये । मनु और देसवाल दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया और मिश्रित टीम में वे अधिक मजबूती से उतरेंगी।’’हीना के पति रौनक पंडित भारतीय पिस्टल टीम के कोच भी हैं।

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