मौका होता पर किस्मत नहीं थी साथ
पहली सीरिज में 98 के स्कोर के बाद उसने 95, 94 और 95 का स्कोर किया और शीर्ष 10 से बाहर हो गई।पांचवीं सीरिज में उसने वापसी की कोशिश की लेकिन छठी और आखिरी सीरिज में एक 8 और तीन 9 के स्कोर के बाद वह शीर्ष आठ में जगह नहीं बना सकी।
दो ओलंपिक खेल चुकी पिस्टल निशानेबाज हीना सिद्धू ने मनु का बचाव करते हुए कहा , जो लोग यह कहने में देर नहीं लगा रहे कि मनु दबाव का सामना नहीं कर सकी। मैं इतना जानना चाहती हूं कि पिस्टल में खराबी के कारण उसका कितना समय खराब हुआ। उसने दबाव के आगे घुटने नहीं टेके बल्कि उसका सामना करके अच्छा प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा , 34 मिनट से भी कम समय में 575 स्कोर करना बताता है कि वह मानसिक रूप से कितनी दृढ है। खिलाड़ियों का आंकड़ों के आधार पर आकलन करना बंद कीजिये । मनु और देसवाल दोनों ने शानदार प्रदर्शन किया और मिश्रित टीम में वे अधिक मजबूती से उतरेंगी।हीना के पति रौनक पंडित भारतीय पिस्टल टीम के कोच भी हैं।