नई दिल्ली: भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा को ओलंपिक में पहले एथलेटिक्स स्वर्ण पदक दिलाने का इनाम उनकी नौकरी में भी मिल सकता है। टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने को लेकर नीरज को भारतीय सेना में प्रमोशन मिलने की संभावना है। भारतीय सेना में 4-राजपूताना राइफल्स के सूबेदार नीरज चोपड़ा को उनकी शानदार खेलकूद प्रतिभा को लेकर प्रतिष्ठित विशिष्ठ सेवा पदक प्रदान किया गया है।
हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के एक किसान के बेटे 23 वर्षीय नीरज ने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर भाला फेंककर दुनिया को स्तब्ध कर दिया और भारतीयों को जश्न में डुबा दिया। एथलेटिक्स में पिछले 100 वर्षों से अधिक समय में भारत का यह पहला ओलंपिक पदक है। सेना में संबधित विषय के जानकारों ने बताया कि सूबेदार चोपड़ा को टोक्यो ओलंपिक में उनके शानदार प्रदर्शन को लेकर निर्धारित नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत पदोन्नति मिलेगी।
रक्षा मंत्री एवं सशस्त्र बलों ने इन सैन्यकर्मी की यह कहते हुए तारीफ की थी कि उन्होंने सच्चे सैनिक की भांति प्रदर्शन करके देश को गौरवान्वित किया है।नीरज चोपड़ा की जीत के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उनके लिए 6 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की। इसके अलावा बीसीसीआई से भी उन्हें 1 करोड़ रुपये बतौर इनाम मिलेंगे।
15 मई 2016 में नीरज को नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रूप में चुना गया था। अमूमन भारतीय सेना किसी खिलाड़ी को जवान या नॉन कमीशंड ऑफिसर के पद पर भर्ती करती है, लेकिन नीरज की काबिलियत के मद्देनजर उन्हें सीधे नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया गया था।
भारतीय सेना में शामिल होने के बाद नीरज को मिशन ओलंपिक विंग और आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट, पुणे में ट्रेनिंग के लिए चुना गया था। मिशन ओलंपिक विंग, विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए 5 मिशन ओलंपिक नोड्स में 11 चयनित विषयों में कुलीन खिलाड़ियों की पहचान करने और ट्रेनिंग करने के लिए भारतीय सेना की यह एक प्रमुख पहल है।