इन खिलाड़ियों में स्वीडन के उप्साला में अभ्यास कर रहे भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, इटली के असिसि में मौजूद मुक्केबाज मनीष कौशिक, सतीश कुमार, पूजा रानी व सिमरनजीत कौर और रूस में रुके पहलवान रवि दहिया और दीपक पुनिया शामिल हैं।
स्वीडन में, कोविडशील्ड (एस्ट्राजेनेका) केवल 65 वर्ष की आयु से बड़े लोगों के लिए उपलब्ध है। इटली की टीकाकरण नीति के कारण भारतीय मुक्केबाजों के लिए कोविडशील्ड की दूसरी डोज लेना मुश्किल हो रहा है जबकि रूस के पास केवल स्पूतनिक वैक्सीन है। संभावना है कि भारतीय खिलाड़ियों और उनके सहयोगी स्टाफ को उन देशों में स्थित भारतीय दूतावास में टीके की दूसरी डोज लगाई जाए।
चार मुक्केबाज और 11 कोचिंग और सहयोगी स्टाफ, जिन्हें टीके की जरूरत है, 8 जुलाई को इटली से भारत वापस आने वाले थे। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने सरकार को पत्र लिखकर मुक्केबाजों को टोक्यो जाने तक इटली में ही प्रशिक्षण जारी रखने की अनुमति देने के लिए कहा है । ऐसे में इन 15 सदस्यों का पूरा टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय की सहायता महत्वपूर्ण हो जाती है।
हालांकि ओलंपिक खेलों के लिए टोक्यो ओलंपिक समिति ने खिलाड़ियों और अधिकारियों का कोविड-19 टीका लगवाना अनिवार्य नहीं किया है, लेकिन भारत ने अपने खिलाड़ियों, कोच और सहयोगी स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिक आधार पर उनके टीकाकरण का फैसला लिया है।
इसके अलावा, कुछ अन्य खिलाड़ियों को भी उनके टीके की दूसरी डोज जल्द दी जाएगी। निशानेबाज राही सरनोबत, सौरभ चौधरी और दीपक कुमार का क्रोएशिया के जगरेब में टीकाकरण होगा। टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में दूसरी डोज दी जाएगी जबकि जूडो खिलाड़ी सुशीला देवी का टीकाकरण यहीं पर होगा।(वार्ता)