उन्होंने वेब पोर्टल ‘द वायर’ के खिलाफ भाजपा अध्यक्ष के बेटे जय शाह की तरफ से दायर आपराधिक मानहानि के मामले पर लगी अहमदाबाद की एक अदालत की अंतरिम रोक की तरफ इशारा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘मित्रों, शाह-जादा के बारे में ना बोलूंगा, ना बोलने दूंगा।’’ राहुल ने उसके साथ एक खबर भी टैग की जिसमें अदालत की तरफ से लगाई गई रोक के बारे में लिखा गया था।
जय शाह की याचिका पर गत सोमवार को अहमदाबाद (ग्रामीण) की दीवानी अदालत के अतिरिक्त वरिष्ठ न्यायाधीश ने प्रतिवादियों (द वायर) को निर्देश दिया कि वे खबर के आधार पर आगे और कुछ किसी भी रूप में (प्रिंट, डिज़िटल, इलेक्ट्रॉनिक, ब्रॉडकास्ट, टेलिकास्ट या किसी अन्य मीडिया में खबर, साक्षात्कार, बहस, टीवी परिचर्चा की शक्ल में, किसी भी भाषा में, न प्रत्यक्ष न अप्रत्यक्ष) मुक़दमे के अंतिम निपटारे तक कुछ भी नहीं लिखेंगे-बताएँगे।
जादा, जादे या जादी फारसी के शब्द हैं जिनका इस्तेमाल किसी राजा के बेटे या बेटी के लिए किया जाता है। राहुल ने इससे पहले भी भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने मानहानि मामले में जय शाह को कानूनी मदद मुहैया कराने को लेकर केंद्र सरकार को घेरा था।
उन्होंने तीन दिन पहले ट्विटर पर लिखा था कि ‘शाह-जादा को सत्ता का कानूनी सहारा! झंडा ऊंचा रहे हमारा!’ गौरतलब है कि केंद्र के शीर्ष कानूनी अधिकारी, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मानहानि मामले में जय शाह की तरफ से पैरवी करेंगे। (भाषा)