2024 में मोदी के लिए क्या चुनौती बन रहे केजरीवाल, सिसोदिया की गिरफ्तारी को AAP क्यों बता रही BJP का डर?

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कथित शराब घोटाले में अब सलाखों के पीछे पहुंच गए है। रविवार को मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 5 दिन की सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया है। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद अब आम आदमी पार्टी ने सड़क पर भाजपा के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।

आम आदमी पार्टी मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को भाजपा का डर बता रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कहते है कि भाजपा मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर हमें डारना चाहती है और हमारी टीम को तोड़ना चाहती है। आम आदमी पार्टी की टीम बहुत अच्छी बन गई है और गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 13 फीसदी वोट हासिल किए।

मनीष सिसोदिया की गिफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी लगातार भाजपा पर हमलावर है औ इसे भाजपा  का डर बात रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वकाई में आम आदमी पार्टी भाजपा के लिए चुनौती बनती जा रही है।  

2024 में मोदी को केजरीवाल की चुनौती!-गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के बाद अरविंद केजरीवाल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी के चेहरे को चुनौती देने की तैयारी कर रहे है। आम आदमी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अरविंद केजरीवाल के विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश कर रहे है। गुजरात विधानसभा चुनाव में आप के शानदार प्रदर्शन के बाद अरविंद केजरीवाल लगातार मोदी सरकार को चुनौती दे रहे है। आम आदमी पार्टी के संसाद संजय कहते हैं कि 2024 की लड़ाई मोदी बनाम केजरीवाल होगी।

आप के राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के साथ बाद अरविंद केजीरवाल पर भारत के विकास का विजन रखने लगे है औऱ ‘मेक इंडिया नंबर-1’ मिशन का आगाज कर चुके है। वहीं केजरीवाल पिछले दिनों दिल्ली विधानसभा में कह चुके है कि हो सकता है कि कल दिल्ली में हमारी सरकार हो। अरविंद केजरीवाल जिस दिल्ली मॉडल पर मोदी सरकार को चुनौती दे रहे है उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेवड़ी कल्चर बता रहे है।
 

भाजपा शासित राज्यों पर AAP की निगाहें-दिल्ली,पंजाब में सरकार बनाने और गुजरात विधानसभा चुनाव में 13 फीसदी वोट के साथ 5 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद आम  आदमी पार्टी की निगाहें अब भाजपा शासित अन्य राज्यों पर टिक गई है।

मध्यप्रदेश जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है औऱ भाजपा सत्ता में काबिज है,वहां आम आदमी पार्टी ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक कहते है कि पार्टी गुजरात के तर्ज पर मध्यप्रदेश में पूरी ताकत के साथ सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेग और अरिवंद केजरीवाल खुद पूरी चुनाव कमान अपने हाथों में संभालेगे।

वहीं सूत्र बताते है कि मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी का निगाहें भाजपा के कुछ ऐसे दिग्गज चेहरों और वर्तमान सीनियर विधायकों पर भी टिकी है जो पार्टी से अंसतुष्ट चलाने के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में जिनके टिकट के कटने की आंशका है।   

10 साल में फर्श से अर्श पर AAP-10 साल में क्षेत्रीय पार्टी से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल कर दो राज्यों में सरकार में काबिज आम आदमी पार्टी के सियासी सफर का विश्लेषण करे तो आम आदमी पार्टी तेजी से अपना विस्तार करती जा रही है और लगातार उसका जनाधार बढ़ता जा  रहा है।

2 अक्टूबर 2012 को महात्मा गांधी की जयंती से अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का गठन कर अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत की थी। 2013 के दिल्ली में पहले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 28 सीटों पर जीत हासिल कर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी। वहीं दो साल बाद 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा मे 67 सीटें जीतीं थी। वहीं पांच साल बाद 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी 53.57 फीसदी वोट हासिल कर 62 सीटों के साथ दिल्ली की सत्ता से फिर से अपना कब्जा जमाया।

दिल्ली के बाद आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अपनी गहरी पैठ बनाई। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 23.7 फीसदी वोट हासिल करके 20 सीटें जीती थी वहीं 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में 42. 01 फीसदी वोट हासिल कर 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में 92 सीटों पर जीत हासिल कर प्रचंड बहुमत से अपनी सरकार बनाई। 

दिल्ली में प्रतिष्ठा की लड़ाई वाले एससीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने धमाकेदार जीत कर भाजपा के 15 साल के एकछत्र राज को खत्म कर दिया है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में चुनावी मैदान मे कूदी आम आदमी पार्टी ने भाजपा को चुनाव में हर मोर्च पर मात दी। दिल्ली नगर निगम की 250 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की है।

वहीं गुजरात विधानसभा चुनाव में आदमी पार्टी ने 13 फीसदी के लगभग वोट शेयर हासिल कर 5 सीटों पर जीत हासिल की है। गुजरात में 13 फीसदी वोटर शेयर हासिल करने के साथ आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव को लेकर गुजरात के साथ राष्ट्रीय स्तर पर अपने लिए एक मौका देख रही है।
 

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