उज्जैन। एमपी की प्राचीन धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पीछे रुद्रसागर स्थित विक्रम टीले का विकास कार्य के साथ सम्राट विक्रमादित्य की 25 फीट ऊंची प्रतिमा के सामने सिंहासन बत्तीसी विराजित की जाएगी। विक्रम टीले एवं रुद्रसागर का विकास होने के बाद यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र होगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्राचीन उज्जयिनी (उज्जैन) के राजा विक्रमादित्य की मूर्ति के सामने उनके शासनकाल के नवरत्नों की मूर्तियां लगाई जाएंगी। न्यायप्रिय सम्राट के रूप में विख्यात विक्रमादित्य के टीले का सौंदर्यीकरण कर इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है। इन सब कार्यों के लिए सिंहस्थ मद से 4 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। विक्रम टीले का विकास कार्य दिसंबर माह तक पूर्ण किया जाएगा।
रुद्रसागर क्षेत्र का संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण तथा विक्रम टीले तक पहुंचने के लिए अनूठा आर्च ब्रिज तैयार किया जा रहा है। 25 फीट ऊंचे प्रशस्ति स्तंभ में 32 पाषाण पुतलियां स्थापित होंगी और विक्रम टीले पर स्थापित होने वाली सम्राट विक्रमादित्य की मूर्ति के सामने 25 फीट ऊंचाई का प्रशस्ति स्तंभ भी स्थापित किया जाएगा।
परिक्रमा पथ पर थ्रीडी वॉल बनाकर म्यूरल बनाए जाएंगे, जो उज्जयिनी एवं विक्रमादित्य से संबंधित रहेगी। विक्रम टीले और रुद्रसागर के क्षेत्र का विकास होने के बाद यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र होगा। (भाषा)