अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में अभिभूत हुए विदेशी सैलानी

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जसनाथी संप्रदाय के श्रद्धालुओं को धधकते अंगारों नाचते और अंगारों को जीभ पर रखते देख अंतरराष्ट्रीय ऊंट महोत्सव का लुत्फ उठाने आए देसी-विदेशी सैलानी दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर हो गए।

कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब बीकानेर से 45 किलोमीटर दूर स्थित लाडेरा गांव मे रेत के टीबों पर बीती रात मंत्रोच्चार के साथ नाथ संप्रदाय के लोगों के धधकते अंगारों पर उतर नाचना और शोलों से खेलना शुरू किया।

बुधवार को संपन्न तीन दिवसीय 20वें अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में रेत के अथाह समंदर के बीच ठुमक-ठुमक कर चलते सजे-धजे ऊंटों का काफिला, कंधे पर तलवार और कमर पर ढाल लटकाए रोबीले जवानों के चेहरों पर दौड़ती मुस्कान, घघरा-चोली पहनकर 'मरवण' का रूप धारण करने वाली विदेशी महिलाओं की भाव-भंगिमाओ के साथ, घूमर और चिरमी ..जैसे गीतों की स्वरलहरियों के बीच झूमते सैकड़ों पर्यटक।

इस महोत्सव के दौरान राजस्थान की सतरंगी संस्कृति को साकार रूप मिला, तो विदेशी पर्यटकों को मिला इससे रू..ब..रू होने का मौका जो उनके लिए अविस्मरणीय था। इस वर्ष ऊंट महोत्सव में 'मिस मरवण' के खिताब से ऑस्ट्रेलिया की बेरोनी को नवाजा गया है। इस प्रतियोगिता में इंडोनेशिया, जापान, स्विटजरलैड, कनाडा, जकार्ता और ऑस्ट्रेलिया सहित विभिन्न देशों की महिलाएं शरीक हुई।

आगामी वर्ष 15 जनवरी से 17 जनवरी तक फिर मिलेंगे की घोषणा के साथ बीती रात अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर ख्याति पा चुके ऊंट महोत्सव का समापन हुआ। (वार्ता)

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