उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की उपस्थिति में महाकाल नगरी उज्जैन में आज से विक्रमोत्सव 2024 के शुभारंभ के साथ ही प्रदेश की पहली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई। प्रदेश की पहली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन उज्जैन के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान पर आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की गरिमामयी उपस्थिति में "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव " का उद्घाटन हुआ। कॉनक्लेव में भाग लेने मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों से निवेशक उज्जैन पहुंचे हैं। साथ ही कुछ विदेशी डेलीगेट्स भी इस कॉन्क्लेव में भाग ले रहे हैं।
निवेश करने वाले उद्योगपतियों का अभिनंदन- 'रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 2024' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से मध्यप्रदेश में निवेश की घोषणा करने वाले सभी उद्योगपतियों का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश विकास पथ पर अग्रसर है। भारत की वर्तमान समय की GDP ग्रोथ, दुनिया को आश्चर्यचकित करने वाली है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में 1 लाख करोड़ रुपए के व्यवसाय का इतिहास बन रहा है। समिट का ये बड़ा परिणाम है। उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, रीवा, सागर, जबलपुर नर्मदा पुरम में 1 हजार करोड रुपए की लागत से 57 औद्योगिक परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमि पूजन हुआ जिसमें 16000 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। हम इसके अलावा भी 250 से अधिक परियोजनाओं के लिए 15000 करोड़ की भूमि का आवंटन कर रहे हैं, इससे 20 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
अवसर व रोजगारों का सृजन करना कॉन्क्लेव का उद्देश्य-उज्जैन में आयोजित इस रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करना, राज्य की नीतियों को बढ़ावा देना, उद्योग के अनुकूल नीतियों को तैयार करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों के साथ परामर्श करना, सहयोग के अवसरों का पता लगाना, रोजगार का सृजन करना के साथ निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना, खरीदार-विक्रेता बैठक की सुविधा प्रदान करना और ई-बिज़ बैठकें आयोजित करना है।
कॉन्क्लेव प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाओं को प्रस्तुत करेगा-यह "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव अमृत काल के दौरान राज्य की महत्वाकांक्षी विकास रणनीति को प्रस्तुत करेगा। विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण के माध्यम से देश अपने भविष्य के लिए तैयार हो रहा है। मध्य प्रदेश सतत विकास और समृद्धि की दिशा में देश के दृष्टिकोण के अनुरूप आगे बढ़ने की संकल्पना को आकार दे रहा है। यह कॉन्क्लेव राज्य में निवेश की अपार संभावनाओं को प्रस्तुत करेगा और प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने और अवसरों का दोहन करने के लिए रणनीतिक मार्ग स्थापित करने में प्रदेश की पहल की रूपरेखा तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव निवेशकों से कर रहे वन टू वन चर्चा- कार्यक्रम में 650 से अधिक प्रमुख उद्योगपति, विभिन्न उद्योग संघों के प्रतिनिधि, 10 से अधिक देशों के 30 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों सहित विदेशी प्रतिनिधि और 3000 से अधिक खरीदार और विक्रेता भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आयोजन के 2 दिवसों में उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक कर चर्चा कर रहे हैं। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के दौरान 5 अलग-अलग विषयगत सत्र आयोजित किए जाएंगे। पहले दिन एमएसएमई और स्टार्ट-अप, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों पर सत्र आयोजित हुए तो आयोजन के दूसरे दिन उद्योग नवीनतम नवाचार और उपभोक्ताओं की बढ़ती जरूरतों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। पर्यटन पर भी एक सत्र आयोजित किया जाएगा क्योंकि उज्जैन धार्मिक पर्यटन का राज्य प्रतीक है। इस क्षेत्र पर आयोजित एक सत्र के माध्यम से फार्मा और चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में क्षेत्र की ताकत पर प्रकाश डाला जाएगा।
विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा सत्रों का संचालन-कॉन्क्लेव में सभी सत्रों का संचालन उद्योग विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है और इसमें 30 से अधिक वक्ता/पैनलिस्ट और सरकारी अधिकारी शामिल हैं। कॉन्क्लेव में उपस्थित लोगों को साथी निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ इंटरैक्टिव चर्चा और नेटवर्क में शामिल होने का अवसर मिलेगा। राज्य क्रेता-विक्रेता बैठकों और ई-बिज़ अवसरों के लिए मंच भी स्थापित कर रहा है, जिसका उद्देश्य सतत विकास को बढ़ावा देना, शेयरधारक मूल्य को बढ़ाना और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना है। प्रदेश की प्रमुख विशेषताओं को प्रदर्शित करने वाला एक एमपी मंडप और एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है। कॉन्क्लेव का वातावरण नागरिकों एवं निवेशकों के उत्साह और उल्लास से भर गया है।