एक फ़लस्तीनी बच्ची मरियम का भी एक पैर काटना पडा है जिससे उसका भविष्य अन्धकारमय हो गया है। इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में 5 लाख से अधिक लोग अकाल में फंस गए हैं जहां बड़े पैमाने पर भुखमरी और अभाव के हालात हैं और लोगों की ऐसी मौतें हो रही हैं जिन्हें रोका जा सकता है। शुक्रवार को जारी संयुक्त राष्ट्र समर्थित खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट (IPC) में ग़ाज़ा में अकाल की पुष्टि की गई है।
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि एकीकृत खाद्य सुरक्षा चरण वर्गीकरण (IPC) विश्लेषण के नतीजे कोई रहस्य नहीं हैं : "यह एक मानव निर्मित आपदा है, एक नैतिक ज़ुल्म है- और मानवता की विफलता है। अकाल केवल भोजन के बारे में नहीं है, यह उन प्रणालियों का जानबूझकर किया गया विनाश है जो इनसानों के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं।
आईपीसी का अनुमान है कि आने वाले सप्ताहों में ग़ाज़ा गवर्नरेट से लेकर डेयर अल-बलाह और ख़ान यूनिस गवर्रनेट तक अकाल की स्थिति फैल सकती है। यूएन एजेंसियों ने ग़ाज़ा में बढ़ती भूख से होने वाली मौतों, तीव्र कुपोषण के तेज़ी से बिगड़ते स्तर और भोजन उपभोग के घटते स्तर की सामूहिक रूप से और लगातार निगरानी की है।
एजेंसियों ने इन हालात को देखते हुए तत्काल और पूर्ण मानवीय सहायता पहुंचाने की अत्यधिक आवश्यकता पर ज़ोर दिया है– जहां लाखों लोग कई दिनों तक बिना कुछ खाए रहने को मजबूर हैं।
इसराइल की ज़िम्मेदारियां : संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने ग़ाज़ा में अकाल की आईपीसी घोषणा पर कहा, "एक क़ाबिज़ शक्ति होने के नाते, इसराइल के अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत स्पष्ट दायित्व हैं– जिसमें लोगों के लिए भोजन और चिकित्सा सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कर्तव्य भी शामिल है। आईपीसी को अनेक देशों की सरकारों, यूएन एजेंसियों और ग़ैर सरकारी संगठनों ने खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के प्रमुख साक्ष्य-आधारित उपाय के रूप में समर्थन दिया है।
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि इसराइल को अपने कर्तव्य पूरे करने से बचने की अनुमति नहीं दी जा सकता : "अब और बहाने नहीं। कार्रवाई का समय कल नहीं, अभी है”
शान्ति क़ायम करें, बन्धक रिहा हों : ग़ाज़ा में मुस्तैद यूएन एजेंसियों ने महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के साथ मिलकर, ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम की पुकार लगाई है ताकि अकाल का सामना कर रही आबादी को बड़े पैमाने पर और निर्बाध रूप में मानवीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने साथ ही 7 अक्टूबर 2023 के आतंकवादी हमलों के दौरान, हमास और अन्य संगठनों द्वारा द्वारा पकड़े गए सभी बन्धकों की तत्काल रिहाई का भी आहवान किया है।
एजेंसियों ने ग़ाज़ा सिटी पर इसराइल के सघन सैन्य हमले और युद्ध में किसी भी तरह की वृद्धि के ख़तरे पर भी गम्भीर चिन्ता व्यक्त की है, क्योंकि इससे उन लोगों के लिए और भी विनाशकारी परिणाम होंगे, जहाँ पहले से ही अकाल की स्थिति है। एजेंसियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है— बहुत से लोग- विशेष रूप से बीमार और कुपोषित बच्चे, वृद्ध और विकलांग लोग– हमलों वाले इलाक़ों से अन्य स्थानों के लिए जाने में असमर्थ हो सकते हैं।" ग़ाज़ा में भोजन नहीं मिलने के कारण लाखों लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं जिसने अकाल के हालात बना दिए हैं।
अकाल का दायरा : ग़ाज़ा पट्टी में, सितम्बर के अन्त तक 6 लाख 40 हज़ार से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा के 'विनाशकारी' स्तर का सामना करेंगे, जिसे आईपीसी चरण 5 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह खाद्य अभाव और भुखमरी का सबसे भीषण स्तर होता है। उनके अलावा 11 लाख 40 हज़ार लोग, खाद्य असुरक्षा के चरण 4 का सामना कर रहे होंगे और उनके अतिरिक्त, 3 लाख 96 हज़ार लोग तीसरे चरण के खाद्य असुरक्षा 'संकट' की स्थिति का सामना कर रहे हैं। ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में हालात ग़ाज़ा सिटी जितने ही गम्भीर या उससे भी बदतर होने का अनुमान है।
अकाल की पुष्टि किए जाने का मतलब है कि IPC के वर्गीकरण के अनुसार भुखमरी और खाद्य अभाव की सबसे चरम श्रेणी तब शुरू होती है जब तीन महत्वपूर्ण सीमाएं- भोजन की बेहद कमी, तीव्र कुपोषण और भुखमरी से सम्बन्धित मौतें होने की पुष्टि हो जाती हैं। यूएन एजेंसियों ने कहा है कि नवीनतम विश्लेषण अब उचित प्रमाणों के आधार पर पुष्टि करता है कि ये स्तर दर्ज किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन राहत समन्वयक टॉम फ़्लैचर ने शुक्रवार को जिनीवा में कहा कि यह एक ऐसा अकाल है, जिसे "अगर हमें (सहायता मुहैया कराने) की अनुमति दी गई होती" तो रोका जा सकता था।
Edited By: Navin Rangiyal