साइबर अपराधियों को अक्सर दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ देशों में सक्रिय संगठित अपराध स्थलों से काम करते हुए पकड़ा गया है। साइबर अपराधियों को अक्सर दक्षिण पूर्वी एशिया के कुछ देशों में सक्रिय संगठित अपराध स्थलों से काम करते हुए पकड़ा गया है। कुछ देशों में साइबर अपराध अब भी स्पष्ट रूप से 'साइबर अपराध' की क़ानूनी परिभाषा के अन्तर्गत नहीं आते हैं और अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनी सहयोग के तंत्रों का अभाव है, मगर साइबर अपराध तो तेज़ी से बढ़ रहा है।
कानून और अपराध रोकथाम
कल्पना करें : हम अपनी ज़रूरत की कोई चीज़ ख़रीदने के लिए, अपने जाने-पहचाने स्टोर की वैबसाइट पर जाते हैं। सबकुछ जाना-पहचाना जैसा नज़र आता है- वही डिज़ाइन, वही ब्रैंड नाम यानी सबकुछ वैसा ही जैसा हम आमतौर पर देखते रहे हैं। हम सामान ख़रीदने की प्रक्रिया पूरी करते हैं, रक़म का भुगतान करते हैं, और ये सबकुछ होने के बाद, एक छोटी सी बात पर हमारा ध्यान जाता है : वेबसाइट के पते (URL) में केवल एक अक्षर अलग था।
इस तरह हम या आप आसानी से साइबर अपराधियों के जाल में फंस सकते हैं। अगर हम भाग्यशाली हैं, तो नुक़सान की राशि कम होगी और आपका बैंक तुरन्त कार्रवाई करेगा– आपकी रक़म वापस कर देगा और आपका नया भुगतान कार्ड जारी कर देगा। मगर हम में से सभी, इतने भाग्यशाली नहीं होते : कई देशों में चोरी हुआ धन वापस हासिल कर पाना लगभग असम्भव है।
सबकुछ गंवा देने से एक क्षण दूर
दिवालियापन मामलों के एक वकील ने यूएन समाचार को बताया कि साइबर अपराध में धन गंवाने के बाद दिवालिया घोषित होने के लिए मजबूर लोगों की संख्या बढ़ रही है।
हम में से कोई भी व्यक्ति, साइबर हमले के शिकार हो सकते हैं– चाहे हम कहीं भी रहते हों और हर कोई सुरक्षा व समर्थन के हक़दार हैं। कुछ देशों में साइबर अपराध अब भी स्पष्ट रूप से 'साइबर अपराध' की क़ानूनी परिभाषा के अन्तर्गत नहीं आते हैं और अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनी सहयोग के तंत्रों का अभाव है, मगर साइबर अपराध तो तेज़ी से बढ़ रहा है।
साइबर हमले बने संगठित अपराध
यूएन एजेंसियां, अनेक देशों में साइबर अपराध का मुक़ाबला करने के लिए, स्थानीय अधिकारियों को समर्थन मुहैया करा रही हैं। जो साइबर हमले, कभी व्यक्तिगत माहिरों या अपराधियों द्वारा किए जाने वाली अलग-थलग सी गतिविधियां थीं, वो अब संगठित आपराधिक नैटवर्कों द्वारा संचालित बड़े पैमाने के अभियान बन गए हैं।
इंटरनेट और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित नई तकनीकें, अपराधियों को तेज़ी से और बड़े पैमाने पर कार्य करने, दुनियाभर के पीड़ितों तक पहुंचने और ऐसे माहौल में अपराध करना आसान बना देती हैं, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप की ज़रूरत बहुत कम होती है।
स्वचालित साइबर हमलों और डीप-फ़ेक तकनीकों का उपयोग करके बनाई गई नक़ली तस्वीरों से लेकर, दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा उन्नत फ़िशिंग (Phishing) अभियानों तक, नई तकनीकों का दुरुपयोग, जांच और साइबर अपराध रोकथाम की पारम्परिक प्रणालियों के लिए चुनौती बन रहा है।
अपराधियों के लिए 'फ़िशिंग किट'
आजकल सबसे आम साइबर अपराध Phishing है। इसमें, हमारी जानी पहचानी या मशहूर स्टोरों की वेबसाइटों जैसी नक़ली वेबसाइट बनाकर या ईमेल के माध्यम से लोगों को अपने पासवर्ड या वित्तीय जानकारी देने के लिए धोखा दिया जाता है।
अब अनुभवहीन अपराधी भी तैयार 'फ़िशिंग किट' का उपयोग करके, प्रमुख ब्रांड वेबसाइटों की वास्तविक नज़र आने वाली नक़ली वेबसाइट तुरंत बना सकते हैं और विश्वसनीय नज़र आने वाले- धोखाधड़ी के सन्देश भेज सकते हैं।
हाल के वर्षों में चुराए गए अरबों यूज़रनेम और पासवर्ड के समन्वय आंकड़े, डार्क वेब पर प्रस्तुत हुए हैं। इस डेटा का इस्तेमाल तथाकथित credential-stuffing हमलों में किया जाता है, जिसमें एकसाथ हज़ारों वेबसाइटों पर स्वचालित लॉगिन करने के प्रयास शामिल होते हैं। मनीला में एक धोखाधड़ी केन्द्र पर छापा पड़ने के बाद वहां सन्नाटा है।
साइबर अपराध के इतिहास को नया रूप
दिसम्बर 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साइबर अपराध के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन को अपनाया था, जो दो दशकों से भी अधिक समय में आपराधिक न्याय पर पहली अंतरराष्ट्रीय संधि है। इस दस्तावेज़ को अपनाए जाने से पहले संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच पांच वर्षों तक बातचीत चली थी, जिसमें विशेषज्ञों, नागरिक समाज, शिक्षा जगत और निजी क्षेत्र की भागीदारी थी।
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस कन्वेंशन को अपनाए जाने को ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयासों में 'एक निर्णायक क़दम' बताया। 25 अक्टूबर को वियतनाम के हनोई में एक आधिकारिक समारोह में इस कन्वेंशन को सदस्य देशों के हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
यह संधि 40 देशों से समर्थन मिलने के 90 दिन बाद क़ानूनी रूप से लागू हो जाएगी। दक्षिण पूर्वी एशिया के अनेक देशों में साइबर अपराध के संगठित नेटवर्कों पर छापे मारे गए, जिनके बाद इनके दायरे का बारे में जानकारी मिली।
एक वैश्विक ख़तरे के विरुद्ध वैश्विक कार्रवाई
यह नया दस्तावेज़, साइबर अपराध से निपटने के लिए एक साझा अन्तरराष्ट्रीय ढांचा स्थापित करता है। यह पीड़ितों की सहायता के लिए एकीकृत परिभाषाएं, जांच मानक और तंत्र प्रस्तुत करता है- जिसमें मुआवज़ा, क्षतिपूर्ति और अवैध सामग्री को हटाना शामिल है।
देश इन उपायों को अपने राष्ट्रीय क़ानूनों के अनुसार, लेकिन सहमत अन्तरराष्ट्रीय सिद्धांतों के भीतर लागू करेंगे और शायद, इस सन्धि के साथ एक नए युग की शुरुआत होगी, जिसमें वेबसाइट के पते (URL) में एक ग़लत अक्षर, आपसे आपकी सारी जमा पूंजी एक झटके में नहीं छीन लेगा। संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स व अपराध निरोधक कार्यालय (UNODC), दुनियाभर के देशों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करके साइबर अपराध के प्रति संयुक्त राष्ट्र की कार्रवाई का नेतृत्व करता है।
वियना स्थित यह एजेंसी, आपराधिक न्याय प्रणालियों पर अपनी विशेषज्ञता का उपयोग, रोकथाम और जागरूकता बढ़ाने, विधाई सुधार क़ानून लागू करने की क्षमताओं में सुधार, अन्तरराष्ट्रीय सहयोग, फोरेंसिक सहायता के साथ-साथ, साइबर अपराध पर डेटा संग्रह, अनुसंधान और विश्लेषण में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए करती है।