इनकम टैक्स में 5 लाख रुपए तक छूट की उम्मीद, क्या मोदी सरकार की तरफ से मिल सकेगा तोहफा?
बुधवार, 30 जनवरी 2019 (08:38 IST)
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने वाली है। मध्यम वर्ग को उम्मीद है कि इस बजट में मोदी सरकार इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अगर ऐसा करती है तो नौकरीपेशा करोड़ों लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। अगर मोदी सरकार छूट का यह कदम उठाती है तो यह इतिहास हो सकता है क्योंकि अब तक टैक्स सीमा में इतनी बड़ी छूट नहीं मिली है।
मध्य वर्ग को राहत देते हुए मोदी सरकार आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी कर सकती है, जो वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए 2.5 लाख रुपए से बढ़कर 5 लाख रुपए हो सकती है जबकि मेडिकल खर्चों और परिवहन भत्ते को भी फिर से बहाल किया जा सकता है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार 1 फरवरी को बजट पेश करेंगे। इसमें इनकम टैक्स को लेकर यह बड़ी घोषणा की उम्मीद है। औद्योगिक संगठनों और कर्मचारी यूनियनों ने भी बजट में इनकम टैक्स छूट को बढ़ाने की मांग रखी है।
वित्तीय विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार इनकम टैक्स छूट में बड़ा ऐलान कर सकती है, क्योंकि इससे इस वर्ष बड़ा बोझ पड़ने की संभावना नहीं है और इस साल राजकोषीय घाटे पर भी असर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
क्या है वर्तमान स्लैब : वर्तमान में 2.5 लाख तक आय व्यक्तिगत इनकम टैक्स (personal income tax) से पूरी तरह मुक्त है। इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख तक आय वालों को 5 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। 5-10 लाख तक आय वालों से सरकार 20 प्रतिशत इनकम टैक्स लेती है, जबकि 10 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देना पड़ता है।
उद्योगों ने दिए ये सुझाव : उद्योग संस्थाओं ने सुझाव दिया है कि 5 लाख से कम आय वालों को पूरी तरह आयकर से मुक्त कर देना चाहिए, जबकि 5-10 लाख आय पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लेना चाहिए। जिन लोगों की आमदनी 10-20 लाख रुपए के बीच है, उनसे 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लिया जाए और 20 लाख रुपए से अधिक की आमदनी पर 25 प्रतिशत टैक्स लिया जाना चाहिए।
क्या आसान होगा सरकार के लिए यह कदम : डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 15-16 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है, लेकिन इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में में हर महीने एक लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य सिर्फ 2 बार ही पाया जा सका है। ऐसे में मोदी सरकार को घाटे का लक्ष्य पाने के लिए एक लाख से डेढ़ लाख करोड़ रुपए की दरकार होगी।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में लोकलुभावन घोषणाओं की जगह आर्थिक सुधारों पर ज्यादा ध्यान दिया है, ऐसे में सीधे इनकम टैक्स छूट की सीमा दोगुना होना काफी मुश्किल हैं। ऐसे में इनकम टैक्स छूट की सीमा को 50 हजार रुपए तक बढ़ाने की उम्मीद रखी जा सकती है।