नई दिल्ली। आम बजट से पहले शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में 11 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी और महामारी के चलते आर्थिक संकुचन के बाद वी आकार (गोता खाने के तीव्र वृद्ध) का सुधार देखने को मिलेगा। इसके साथ ही 31 मार्च 2021 को खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में रिकॉर्ड 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया गया है।
भारत में इससे पहले जीडीपी में 1979-80 में सबसे अधिक 5.2 प्रतिशत का संकुचन हुआ था। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में वृद्धि जारी है जबकि कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते सेवा, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए।
सर्वेक्षण में कहा गया कि महामारी के चलते 2020-21 में अनुमानित 7.7 प्रतिशत संकुचन के बाद भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 2021-22 में 11.0 प्रतिशत और वर्तमान बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद 15.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। सर्वेक्षण में कहा गया कि वैक्सीन दिए जाने और आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के साथ ही ये अनुमान बढ़ भी सकते हैं।
जीवन को बचाने के लिए लगाया गया लॉकडाउन : मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि लॉकडाउन के कारण कोरोना केस में गिरावट और मौतों में गिरावट देखी गई इसलिए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि लॉकडाउन का जीवन और आजीविका को बचाने में एक कारण था। भारत ने जो नीतिगत प्रतिक्रिया दी, वह एक परिपक्व और दूरदर्शी थी। भारत ने दीर्घकालिक लाभ प्राप्त करने के लिए अल्पावधि दर्द उठाया। 'वी-आकार की रिकवरी' भारत को परिपक्व नीति बनाने के मामले में मुकदमा दायर करती है।