बजट से पहले सर्वदलीय बैठक : विपक्ष ने अदाणी समूह, जाति गणना, महिला विधेयक का मुद्दा उठाया, सरकार ने मांगा सहयोग

सोमवार, 30 जनवरी 2023 (23:48 IST)
नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र से पहले सोमवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने अदाणी समूह से जुड़ा विषय, कुछ राज्यों में राज्यपालों के कामकाज, जाति आधारित गणना और महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने का मुद्दा उठाया, वहीं सरकार ने सदन चलाने के लिए विपक्षी दलों का सहयोग मांगा है।
 
सरकार ने कहा कि वह संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है और सदन सुचारु रूप से चलाने में सहयोग चाहती है। कई दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था से जुड़े विषय तथा राज्यों के साथ राजस्व की हिस्सेदारी में केंद्र द्वारा कथित तौर पर पक्षपात करने का मुद्दा उठाने का भी इरादा जताया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि सरकार संसद में नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है, हम विपक्ष का सहयोग चाहते हैं।
 
उन्होंने कहा कि संसद सत्र कल (मंगलवार) से प्रारंभ हो रहा है, इसलिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जोशी ने बताया कि इस बैठक में 27 राजनीतिक दलों के 37 नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस पार्टी के अधिकांश नेता श्रीनगर में 'भारत जोड़ो यात्रा' के समापन कार्यक्रम में शामिल थे। ऐसे में बैठक में कांग्रेस से कोई मौजूद नहीं था। कांग्रेस के जिन नेता को बैठक में जाना था, वे पहुंच नहीं पाए।
 
जोशी ने कहा कि उनके (कांग्रेस) सदन के नेता मंगलवार को मिलकर अपने विचारों से अवगत कराएंगे। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद थे।
 
इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, द्रमुक के टी आर बालू, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, अन्नाद्रमुक के थम्बीदुरै, शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी आदि शामिल हुए। समझा जाता है कि बैठक में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा सहित द्रमुक, वाम दलों आदि ने अदाणी समूह से जुड़ा मुद्दा उठाया और संसद सत्र के दौरान इस पर चर्चा कराने की मांग की।
 
गौरतलब है कि अमेरिकी फॉरेंसिक फ़ाइनेंशियल कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में पिछले कुछ दिन में भारी गिरावट आई है। अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के जवाब में रविवार को 413 पृष्ठ का 'स्पष्टीकरण' जारी किया है।
 
राजद के मनोज झा और आप के संजय सिंह ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी ने अदाणी समूह में काफी धन निवेश किया है, लाखों की संख्या में लोगों का करोड़ों रूपया इसमें लगा है। झा ने कहा कि सरकार की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है। इस पर चर्चा होनी चाहिए, वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि संसद में विपक्षी दलों को समय दिया जाना चाहिए और सदन का कामकाज केवल विधेयक पारित कराने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए।
 
उन्होंने राज्यों के साथ राजस्व की हिस्सेदारी में केंद्र द्वारा कथित तौर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और महंगाई एवं बेरोजगारी पर चिंता जताई। सूत्रों ने बताया कि टीआरएस विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के लिए कुछ विपक्षी दलों से सम्पर्क कर रही है।
 
इसके साथ ही सर्वदलीय बैठक में युवाजन श्रमिक रायतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) ने राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित आर्थिक गणना कराने की मांग की। पार्टी ने कहा कि पिछड़े वर्गों की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जरूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सामाजिक एवं विकास सूचकांक में कौन सा वर्ग पीछे है। वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी ने कहा कि देश की आबादी में पिछड़े वर्गों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत है और राष्ट्रव्यापी जाति आधारित आर्थिक गणना से इन वर्गो की आर्थिक स्थिति का पता लगाने में मदद मिलेगी।
 
समझा जाता है कि बैठक के दौरान इस विषय पर आंध्रप्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी वाईएसआर कांग्रेस को जदयू, राजद का समर्थन मिला। जदयू और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की। बिहार में जदयू और राजद महागठबंधन सरकार ने राज्य स्तर पर जाति आधारित गणना शुरू कराई है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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