लखनऊ। सामूहिक बलात्कार के आरोपी उत्तरप्रदेश के परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति के सरकारी आवास पर मंगलवार को पुलिस ने छापा मारा। अमेठी विधानसभा सीट से सपा के उम्मीदवार प्रजापति के गौतमपल्ली स्थित आवास पर अपराह्न करीब तीन बजे उपाधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम पहुंची। हालांकि उस समय वे वहां मौजूद नहीं थे। अमेठी क्षेत्र में राज्य विधानसभा के चल रहे चुनाव के पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान हो चुका है।
उधर हजरतगंज के पुलिस उपाधीक्षक अवनीश कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रजापति के आवास पर पुलिस उनसे पूछताछ और घटनास्थल का निरीक्षण करने गई थी, लेकिन वे अपने आवास पर नहीं मिले। पुलिस फिर जाएगी। उनसे पूछताछ करेगी। घटनास्थल का निरीक्षण करेगी और साक्ष्य मिले तो गिरफ्तारी भी की जा सकती है।
सिंह ने कहा था कि साक्ष्य मिलते ही आरोपी की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। उनका कहना था कि पीड़िता के वकील से उनकी बात हुई थी। वकील ने दिल्ली आकर पीड़िता का 164 का बयान दर्ज करने के लिए कहा था। गायत्री प्रजापति के अलावा अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा ,चन्द्र पाल, रुपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376-डी के अलावा 367, 511, 504, 506 और पास्कों एक्ट की धारा 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने उत्तरप्रदेश पुलिस को आदेश दिया था कि प्रजापति के खिलाफ सामूहिक बलात्कार, छेड़छाड़ और महिलाओं के शोषण को लेकर मुकदमा दर्ज करे तथा आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करे। पैंतीस वर्षीय पीड़िता ने प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न होने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उसका कहना था कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ और उसकी बेटी का भी यौन उत्पीड़न किया गया। पीडित महिला ने शिकायत में कहा था कि वह प्रजापति से करीब तीन साल पहले मिली थी।
उधर प्रजापति का कहना था कि उन्हें राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है। उन पर लगे आरोप निराधार हैं। न्यायपालिका का वे सम्मान करते हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि जांच में वे निर्दोष साबित होंगे। परिवहन मंत्री गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्चतम न्यायालय की शरण में गए थे। उनका कहना था कि उनका भी पक्ष सुना जाए। (वार्ता)