उत्तरप्रदेश 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा व अपना दल (अनुप्रिया गुट) के गठबंधन के तहत पूर्वांचल क्षेत्र की 11 सीटों पर स्व. सोनेलाल पटेल की पुत्री अनुप्रिया पटेल के राजनीतिक भविष्य की परीक्षा होगी, क्योंकि भाजपा ने जातीय समीकरण के मद्देनजर अपना दल को उन क्षेत्रों में 11 सीटें दी हैं, जो मुख्य रूप से ओबीसी व कुर्मी बहुल हैं।
सोनेलाल पटेल के निधन के बाद से ही अपना दल में दो फाड़ हो गया, जिसके अस्तित्व की लड़ाई न्यायालय में विचाराधीन है। इसके चलते चुनाव आयोग ने अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) को पार्टी की मान्यता तो नहीं मिली, लेकिन इस गुट ने निर्दलीय ही अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। अनुप्रिया के लिए यह जरूर राहत की बात हो सकती है, लेकिन राह आसान नहीं है।
चुनावी अखाड़े में दोनों अपना दल ही जोर आजमाइश कर रहे हैं। कृष्णा पटेल गुट ने इस चुनाव में पीस पार्टी व निषाद पार्टी से गठबंधन भी किया है। पार्टी 200 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़ा रही है। खुद पार्टी मुखिया कृष्णा पटेल वाराणसी की रोहनिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं। इतना ही नहीं, कृष्णा भाजपा को कड़ी टक्कर भी दे रही हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में 65 हजार से अधिक कुर्मी वोटर हैं, जो राजनीतिक समीकरणों को बिगाड़ने व बनाने के लिए काफी हैं। अब कौन किसे अपने पक्ष में कर पाता है, इसका पता चुनाव परिणाम के बाद ही लगेगा।