मज़हब बदलने वाले ख़ुद की सोच बदलें : मुनव्वर राना

- दिनेश दर्द
हाल ही में साहित्य अकादमी सम्मान से नवाज़े गए शायर मुनव्वर राना से वेबदुनिया ने ख़ास मुलाक़ात की। इस दौरान हिन्दी और उर्दू अदब की ज़ीनत, मुनव्वर राना ने खुलकर अपनी बात और जज़्बात बयां किए। जहां वो अपनी अब तक की ज़िंदगी/शायरी से मुत्मइन नज़र आए, वहीं नई नस्ल द्वारा की जा रही शायरी से भी उन्होंने कुछ हद तक इत्तिफ़ाक़ ज़ाहिर किया।

साथ ही कुछ सबक़ भी याद रखने का मश्विरा देते हुए उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के शायरों को अपने व्यवहार में सलाहीयत के साथ-साथ नाज़ुकी भी लाना होगी। इससे उनके कलाम में और असर तो पैदा होगा ही, उनकी शायरी से नूर भी बरसने लगेगा। इस दौरान उन्होंने बड़े जज़्बाती अंदाज़ में अपने उस्ताद वाली आसी साहब से जुड़ी बातें भी ज़ाहिर कीं।

इसके अलावा, उन्होंने पिछले दिनों पेशावर में हुए आतंकी हमले के शिकार 132 बच्चों को बतौर ख़िराजे-अक़ीदत कुछ अशआर पेश किए, साथ ही इस पर अपनी बेलौस राय भी रक्खी। इन दिनों देश में सुलग रहे धर्मांतरण के मुद्दे पर भी उन्होंने बेबाकी से अपनी राय ज़ाहिर की।
देखें वीडियो-

वेबदुनिया पर पढ़ें