दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी प्रचार्यों को 9 अप्रैल को भेजे गए पत्र में डीन (प्रवेश) शोभा बगई ने कहा कि सोच-समझकर यह प्रयास किया जा रहा है कि प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अनिवार्य दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन के लिए छात्रों को कम से कम विश्वविद्यालय परिसर में आना पड़े।