क्या है Electoral Reform Bill जिसके बाद युवाओं को मिलेगा जल्दी वोट देने का अधिकार, कैसे बदलेंगे वोटर आईडी के नियम
गुरुवार, 16 दिसंबर 2021 (15:42 IST)
सरकार कुछ ऐसे बदवाल करने जा रही है, जिसकें बाद वोटर आईडी कार्ड को लेकर कई नियम बदल जाएंगे।
केंद्र सरकार वोटर आईडी कार्ड को लेकर बड़े बदलाव करने जा रही है। सरकारी की ओर से किए जाने वाले इन बदलाव के बाद से मतदाताओं को कई तरह के फायदे होने वाले हैं और 18 साल से अधिक उम्र के युवा जल्द ही वोट देने के लिए योग्य हो जाएंगे।
दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव सुधार संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद से जल्द ही मतदाता पहचान पत्र से जुड़े नियमों में बदलाव हो सकता है।
पहले समझते हैं कि ये चुनाव सुधार संबंधी विधेयक क्या है और इसके पास होने के बाद किस तरह से वोटर आईडी के नियम बदल जाएंगे।
कहा जा रहा है कि इस विधेयक के जरिए चुनावी प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए कई बड़े सुधार किए जा रहे हैं।
इस विधेयक में वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करने का प्रस्ताव भी शामिल है, जिसके बाद चुनाव आयोग वोटर आईडी को भी आधार से लिंक कर सकेगा।
अगस्त 2019 में, चुनाव आयोग ने आधार संख्या के साथ आईडी कार्ड को जोड़ने सहित संशोधनों का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, यह पूरी तरह से स्वैच्छिक प्रक्रिया होगी यानी लोग अपनी इच्छा के अनुसार आधार जोड़ सकेंगे। माना जा रहा है कि इसके जरिए अलग-अलग स्थानों पर एक ही व्यक्ति के कई नामांकन पर अंकुश लगाया जा सकेगा। इससे पहले भी इसकी पहल की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था।
इस विधेयक के अनुसार चुनाव संबंधी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए लैंगिक निरपेक्ष बनाया जाएगा। अभी केवल पुरुष सर्विस ऑफिसर की पत्नी का नाम दर्ज करने का तो प्रवाधान है, लेकिन महिला सर्विस ऑफिसर के पति का नाम जुड़वाने का कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन, राज्य या केंद्र सरकार के तहत आने वाले पुलिसकर्मी, सैनिक और अर्धसैनिक बल आदि जिन्हें सर्विस ऑफिसर कहा जाता है, उनके पति या पत्नी का भी नाम वोटर के तौर दर्ज किया जा सकेगा।
वर्तमान में नियम है कि जब कोई व्यक्ति 1 जनवरी तक 18 साल का हो जाता है तो अगले साल में उसका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाता है, लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा रहा है। इसके बाद साल की चार तारीख को तय कर दिया जाएगा, जिससे युवाओं का वोटर आईडी कार्ड जल्द ही बन सकेगा। इसके बाद पंजीकरण के लिए हर साल चार कटऑफ तारीक एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर तय कर दिया जाएगा। इससे लोग जल्द ही वोटर आईडी बनाकर जल्द वोट देने लग जाएंगे।