वित्तीय समावेशन और ग्राहक सशक्तीकरण के लिए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने सभी बचत खातों में न्यूनतम औसत शेष राशि (एमएबी) न रखने पर दंडात्मक शुल्क खत्म कर दिया है। पीएनबी ने बयान में कहा कि 1 जुलाई 2025 से प्रभावी यह पहल विशेष रूप से महिलाओं, किसानों और निम्न आय वाले परिवारों जैसे प्राथमिकता वाले वर्गों का समर्थन करने के लिए है।
बयान के मुताबिक, इस फैसले से न्यूनतम शेष राशि न रखने पर दंड के तनाव के बिना बैंकिंग सेवाओं तक आसान और अधिक समावेशी पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी। पीएनबी के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अशोक चंद्रा ने कहा कि यह फैसला समावेशी बैंकिंग के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारा मानना है कि इन शुल्कों को माफ करने से ग्राहकों पर वित्तीय दबाव कम होगा और औपचारिक बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र में अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। भाषा Edited by : Sudhir Sharma