अखिलेश का भाजपा पर तंज, आखिरी समय में बनारस में ही रहा जाता है

मंगलवार, 14 दिसंबर 2021 (00:32 IST)
इटावा/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद भाजपा सरकार की ओर से एक महीने तक कार्यक्रम आयोजित करने पर समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आखिरी समय में बनारस में ही रहा जाता है।
 
जब संवाददाताओं ने यादव यह कहा कि वाराणसी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और वहां एक महीने का कार्यक्रम रखा जा रहा है, तब उन्होंने कहा कि बहुत अच्छी बात है। एक महीना नहीं, दो महीने, तीन महीने रहें, अच्छी बात है। वह जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर बनारस में ही रहा जाता है।
 
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अखिलेश के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष ने जिस ढंग से प्रधानमंत्री को लेकर 'ओछी प्रतिक्रिया' दी है, वह दिखाता है कि काशी का कायाकल्प और भारतीय संस्कृति का बढ़ता गौरव उनको पच नहीं रहा।
 
उन्होंने कहा कि ऐसी अमर्यादित और असंस्कारित भाषा का प्रयोग दिखाता है कि काशी के कायाकल्प और भारतीय संस्कृति के गौरव की टीस उनके मन मे बनी हुई है। उन्हें भारतीय संस्कृति का गौरव फूटी आंखों नहीं सुहा रहा। वह आज भी भारत की सांस्कृतिक विरासत को क्षति पहुंचाने वाले औरंगजेब की विचारधारा के साथ हैं। मैं कहूंगा कि वह काशी आएं और बाबा विश्वनाथ के दर्शन करें। बाबा विश्वनाथ उन्हें सद्बुद्धि दें।
 
यादव ने भाजपा पर भगवान के मामले में भी झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए सोमवार को दोहराया कि वह तमाम ऐसी परियोजनाओं का श्रेय ले रही है, जिन्हें पिछली सपा सरकार ने शुरू कराया था।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता झूठ बोलते हैं। वे हमारे और आपके सामने तो झूठ बोल लें लेकिन जब बात भगवान से जुड़ी हो तो झूठ नहीं बोलना चाहिए। प्रदेश में भाजपा जिन परियोजनाओं का उद्घाटन कर रही है वह हमारी ही सरकार की हैं। या तो हमारी सरकार ने उन्हें स्वीकृत किया था या उनका प्रस्ताव किया था।
 
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया। पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि यह परियोजना उनके शासनकाल में मंत्रिमंडल द्वारा पारित की गई थी।
 
यादव ने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इटावा आए और इस दौरान उन्होंने जिन विकास कार्यों का उद्घाटन किया वे सब सपा शासन में बने थे।
 
सपा प्रमुख ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश और पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में निश्चित हार से घबराकर भाजपा ने नए कृषि कानून वापस लिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लिए वोट महत्वपूर्ण हैं, किसान नहीं। अगर भाजपा को किसान की जरा सी परवाह होती तो कृषि कानूनों के विरोध में इतना लम्बा आंदोलन नहीं चलता। इस दौरान 700 किसानों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश मे चुनाव हारने का मतलब प्रधानमंत्री का जाना और भविष्य की राजनीति में बड़ा बदलाव आना है।
 
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी