Mockdrill : भारत-पाक तनाव के बीच 7 मई को होगी मॉकड्रिल, सायरन बजने पर क्या करें, किस तरह की सतर्कता बरतें

हिमा अग्रवाल

मंगलवार, 6 मई 2025 (20:29 IST)
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका के चलते गृहमंत्रालय ने एडवाइजरी जारी करते हुए सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। 7 मई को देशभर में माकड्रिल अभ्यास होगा। इसमें स्टूडेंट्स और आम नागरिकों को हवाई हमले, ड्रोन अटैक और मिसाइल हमले जैसी स्थितियों से बचाव की जानकारी दी जाएगी। मेरठ में भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा कोर) ने सायरन बजाने की तैयारियां प्रारंभ कर दी है।
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आज नागरिक सुरक्षा कोर के कार्यालय में और मेरठ विकास भवन में पुलिस-प्रशासन ने संबंधित विभागों के साथ बैठक करते हुए माकड्रिल अभ्यास की तैयारियों पर जानकारी हासिल की है।
 
 मेरठ में मंगलवार को अचानक से सायरन की तेज आवाज सुनकर लोक चौंक गए, स्थानीय लोग आपस में चर्चा करने लगे की युद्ध शुरू हो गया, कुछ लोग सायरन की हकीकत जानने के लिए थाने पहुंच गए। थाना कोतवाली में लगे सायरन को चैक कर रहे सिविल डिफेंस के डिप्टी वार्डन ने लोगों को बताया कि शहर में बुधवार यानी 7 मई को माक ड्रिल होगी, उसके लिए सायरन चैक कर रहें है।

सायरन बजाकर माकड्रिल के दौरान नागरिकों को अलर्ट किया जायेगा कि यदि देश पर हवाई आक्रमण होता है, शहर पर खतरा मंडराता है तो सायरन बजाकर अलर्ट किया जाएगा कि सभी लोग 10-15 मिनट के अंदर सुरिक्षत स्थान पर कूच कर लें। 1971 के बाद एक बार फिर से माक ड्रिल का अभ्यास पूरे देश में होगा। सिविल डिफेंस वार्डन काजी सुहेल अहमद ने बताया कि 1962 युद्ध के समय शहर की जनता को जागरूक आपात स्थिति से जागरूक करने के लिए मेरठ शहर में 5 सायरन लगाए गए थे। गृह मंत्रालय के निर्देश पर आज इन सायरनों को चेक किया जा रहा है, कल माकड्रिल होगी, हम तो ऊपरवाले से चाहते हैं कि युद्ध की स्थिति न आए।
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मेरठ टाउन हॉल में नागरिक सुरक्षा कोर कार्यालय पर माकड्रिल और सायरन बजाने संबंधित जानकारी साझख करने के लिए एक बैठक हुई, उसमें सभी वार्डन को बुलाया गया, जिसमें उन्होंने खुद और जनता को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गए। सिविल डिफेंस के उपनियंत्रक रविंद्र प्रताप ने बताया कि पहलगांव की घटना के बाद गृहमंत्रालय की तरफ से सूचना मिली है कि अलर्ट रहें। मेरठ में हमने अपनी बैठक करके सिविल डिफेंस की 6 डिवीजनों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।  एक डिवीजन में दो लाख लोग आते हैं, हमारे 700-800 सिविल वार्डन मेरठ में काम कर रहें है। आज सायरन चेक करने का काम किया जा रहा है, कल मॉकड्रिल होगी। वर्तमान में मेरठ के अंदर 7 सायरन लगे हुए है। जिनमें से 6 सायरन कल बजेंगे।

सायरन का उपयोग हवाई हमले या आपात स्थिति पैदा होने पर किया जाता है। मेरठ में लगे एक सायरन की आवाज 2 किलोमीटर के रेडियस तक सुनाई पड़ेगी। सायरन हवाई हमले से लोगों को अलर्ट करने के लिए, उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का संकेत देकर अलर्ट करता है, जब हवाई आक्रमण के समय सायरन बजाया जाता है तो उसकी ध्वनि 2 मिनट तक ऊपर-नीचे होती है, जो नागरिकों को खतरे की जानकारी देती है। जब हवाई हमला खत्म हो जाता है तो एक ही आवाज में 2 मिनट के लिए फिर सायरन बजता है जो संकेत देता है कि अब आप सुरक्षित है।
मेरठ जनपद में जिला प्रशासन ने 7 मई को माकड्रिल के लिए कमर कस ली है।

यहां कई स्थानों पर मॉक ड्रिल होगी। लेकिन सबसे बड़ी मॉक ड्रिल सेंट जोसफ स्कूल में कराई जाएगी, जिसमें आपातकालीन हालात में सुरक्षा और राहत की तैयारियों का परीक्षण किया जाएगा। मेरठ विकास भवन में डीएम डॉ. वीके सिंह और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई, जिसमें सेना के अधिकारी, जिले के प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस, सिविल डिफेंस, रेडक्रॉस सोसाइटी और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
 
पुलिस-प्रशासन ने बैठक में सभी विभागों से तालमेल बैठाते हुए स्कूलों और कॉलेजों में, बल्कि अस्पतालों, तहसीलों, ब्लॉकों और गांवों तक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने का निर्णय लिया है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को बताया जाएगा कि युद्ध, आतंकी हमला या ब्लैकआउट जैसी आपात स्थिति में उन्हें क्या करना है और प्रशासन किस प्रकार मदद करेगा। मेरठ जिला प्रशासन ने एक विशेष व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्णय लिया है, जिसमें जिले के सभी बड़े अधिकारी शामिल होंगे। यह ग्रुप आपात स्थिति में त्वरित सूचना और समन्वय के लिए काम करेगा।
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मेरठ डीएम वीके सिंह ने बताया है कि सोशल मीडिया पर भ्रामक अफवाहों पर रोक लगाने के लिए भूमिका पर और सही जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया को सक्रिय रूप से उपयोग किया जाएगा। साथ ही बिजली, पानी, राशन के गोदामों और बैंकों की सुरक्षा को लेकर भी विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। डीएम और एसएसपी ने मीडिया से कहा है कि यह मॉक ड्रिल केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि मेरठ जिला किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। यदि दुश्मन देश की ओर से हमला होता है या कोई बड़ी आपदा आती है, तो प्रशासन, पुलिस, सेना और आम जनता के बीच बेहतर तालमेल से नुकसान को कम किया जा सकेगा।
 
किस तरह की सतर्कता बरतें 
7 मई 2025 को हवाई हमले से बचने की मॉकड्रिल करवाई के बाद किस तरह की सतर्कता बरतें। जिला प्रशासन ने नागरिकों से की है अपील ताकि हम सुरक्षित रहें और मानसिक रूप से तैयार हों। घबराएं नहीं। बच्चों को अवश्य जागरूक करें। हवाई हमले से बचाव की चेकलिस्ट मोबाइल में सेव करके रखें।
 
अलर्ट और सतर्कता- एयर रैंड सायरन की आवाज़ पहचानें’ मोबाइल या रेडियो पर सरकारी अलर्ट सुने, अफवाहों पर विश्वास न करें, केवल आधिकारिक सूचना पर ध्यान दें। सुरक्षित स्थान (शरणस्थल)- निकटतम बंकर या शरणस्थल की जानकारी रखें, अपने घर में मजबूत, बिना खिड़की वाला कमरा तैयार रखें, शरणस्थल तक जल्दी पहुँचने का रास्ता पहले से तय करें।
 
जरूरी वस्तुएँ तैयार रखें- पीने का पानी (कम से कम 3 दिन का), सूखा भोजन (बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स आदि) प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च और एक्स्ट्रा सेल, पोर्टेबल रेडियो, जरूरी दस्तावेज़ (आईडी, मेडिकल रिपोर्ट, बैंक डिटेल्स), मोबाइल चार्जर/पावर बैंक।
 
अंधेरा और सुरक्षा- रात में सभी लाइट बंद रखें (ब्लैकआउट), खिड़कियों पर मोटे पर्दे, काले कागज़ या ब्लाइंड लगाएं, शीशे से दूर रहें, जमीन पर लेट जाएं, अभ्यास और तैयारी, परिवार के साथ हवाई हमले की ड्रिल करें, बच्चों को सुरक्षित स्थान और प्रक्रिया सिखाएँ, पड़ोसियों के साथ आपसी सहयोग सुनिश्चित करें। 
 
हमले के बाद क्या करें :  बाहर तभी निकलें जब सरकारी निर्देश मिले, घायल हों तो प्राथमिक उपचार करें, संदिग्ध वस्तु या बम दिखे तो हुए नहीं पुलिस को सूचित करें। Edited by: Sudhir Sharma

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