इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आध्यात्मिक उत्कर्ष, आत्मिक शांति और आरोग्यता के प्रदाता 'योग' से पूरी मानवता को जोड़ना ही 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का उद्देश्य है। इसी भाव के साथ आज राजभवन, लखनऊ में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में सहभाग किया है।
उन्होंने कहा कि योग का पहला नियम अनुशासन से जुड़ा है। योग हमें अनुशासन में बांधकर, निरोगता और शारीरिक व मानसिक विकास की ओर ले जाता है। योग एक छोटी सी व्यवस्था से एक बड़े आयाम की ओर हम सभी को ले जाने का कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि 'शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्' यदि आपका शरीर स्वस्थ है तो धर्म के सभी साधन स्वयं क्रमवार सफल होते जाएंगे।लेकिन, यदि शरीर आरोग्य नहीं है तो धर्म का कोई भी साधन सफल नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री जी के हम सभी आभारी हैं, जिन्होंने भारतीय ऋषि परंपरा के उपहार योग को न केवल भारत में, बल्कि दुनिया में प्रतिष्ठित किया है।