शनिवार सुबह एडीजी अमिताभ ने उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में आतंक का पर्याय बन चुके डकैत गौरी यादव को बहिलपुरवा के जंगलों में गोलियों से छलनी कर दिया। इस दुर्दांत गौरी पर लगभग 4 दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। मारे गए डकैत के पास से पुलिस ने एक एके-47 और भारी मात्रा में कारतूस भी बरामद की है।
कई दशकों से विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य बसा बुंदेलखंड पाठा बीहड़ का नाम दुर्दांत अपराधियों और डकैतों की शरणस्थली माना जाता रहा है। यहां पर ददुआ, ठोकिया, रागिया, बलखडिया और बबली कोल के मारे जाने के बाद एकमात्र दस्यु गिरोह डकैत गौरी यादव ही बचा था जिसका आज शनिवार सुबह एनकाउंटर हो गया। डकैत गौरी यादव पर यूपी पुलिस ने 5 लाख और एमपी से 50 हजार का इनाम घोषित था। डकैत गौरी पर इनाम बढ़ने के साथ ही यूपी एसटीएफ ने दस्यु गौरी यादव पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था।
मुखबिर से सूचना मिली थी कि चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा के जंगलों में गौरी छुपा हुआ है। सूचना के आधार पर शुक्रवार (बीते कल) एडीजी अमिताभ यश के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ ने बहिलपुरवा के जंगलों को घेर लिया और आज शनिवार सुबह करीब 3-4 बजे के मध्य डकैत और एसटीएफ के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ के दौरान चारों तरफ से गोलियां चलने लगीं। पाठा के बीहड़ में सैकड़ों राउंड गोलियों की आवाज से हड़कंप मच गया जिसमें साढ़े 5 लाख का दुर्दांत इनामी डकैत गौरी यादव ढेर हो गया।
मुठभेड़ के बाद यूपी एसटीएफ को एक एके-47 रायफल, एक क्लाशनिकोव सेमी ऑटोमैटिक राइफल, एक 12 बोर बंदूक और सैकड़ों कारतूस मिले हैं। गौरी यादव गिरोह के अन्य सदस्यों की धरपकड़ के लिए पुलिस जंगलों में कॉम्बिंग कर रही है।