इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में एक शर्मसार कर देने वाले घटनाक्रम में चपरासी पद के लिए इंटरव्यू देने आए दिव्यांग से जबरदस्ती साइकिल चलवा दी। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने इस मामले में फटकार लगाते हुए कहा कि सरकारी अधिकारी न सिर्फ दिव्यांग के अधिकारों की रक्षा करने में असफल रहे बल्कि उसके सम्मान को भी ठेस पहुंचाई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 3 माह में दिव्यांग को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
अदालत ने कहा कि अधिकारियों ने उसे यह बताने की बजाय कि यह पद दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित नहीं है, उसे साइकिल चलाने के लिए कहा। विज्ञापन में इस बात का जिक्र नहीं था कि किस तरह की साइकिल चलानी है इसलिए याची से ट्राई साइकिल चलाई जा सकती थी। जो वह बड़ी कुशलता से चला सकता था।