उल्लेखनीय है कि 8 अप्रैल 2021 को वाराणसी की अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का समग्र सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया था। हिन्दू पक्ष की ओर से गत 11 नवंबर को पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने दलील दी थी कि तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए जांच कराई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा था कि इस मामले में प्रथम दृष्ट्या सच्चाई सामने के लिए एएसआई द्वारा सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए, क्योंकि विवादित परिसर को नंगी आंख से देखने पर यह स्पष्ट है कि यह मंदिर का हिस्सा है और सर्वेक्षण की कार्यवाही जारी रहनी चाहिए।
याचिकाकर्ता अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वाराणसी की अदालत के निर्णय को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इसके बाद उच्च न्यायालय ने 9 सितंबर, 2021 को वाराणसी की अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी। मूल वाद में उस जगह जहां ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है, प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर को बहाल किए जाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मस्जिद, उस मंदिर का हिस्सा है।(भाषा)