सिविल जज (प्रवर वर्ग) के न्यायालय में दिगम्बर नागा बाबा उर्फ परमानंद महाराज के शिष्य गोपाल गिरि द्वारा दायर इस याचिका में भी यही दलील दी गई है कि चूंकि 1967 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के बीच किया गया करार पूरी तरह से गैरकानूनी है इसलिए उसे निरस्त कर उक्त भूमि उसके वास्तविक मालिक श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास को सौंप दी जाए। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया कि इस मामले की सुनवाई के लिए अदालत ने 25 अक्टूबर की तारीख तय की है।(भाषा)