पुलिस को पूछताछ में जानकारी मिली थी कि उसने चोरी की रकम अपने घर में रखी हुई है, रकम बरामदगी के प्रयास के समय अरुण की तबीयत बिगड़ गई। तत्काल प्रभाव से अस्पताल लाया दिया गया डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद बवाल की आशंका को देखते हुए पुलिस ने उसके घर के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है। वही मृतक के परिजनों ने थाना SHO समेत पुलिस पर गंभीर आरोप लगाएं हैं। SSP ने जांच के आदेश दिए हैं।
पुलिस पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया और पैसा घर पर रखे होने की बात कही।
पुलिस आरोपी अरुण को पैसा रिकवर करने के लिए उसके घर लेकर पहुंची, जहां उसकी तबीयत खराब हो गई। पुलिस कस्टडी में परिवार उसे आननफानन में अस्पताल ले गए। डाक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया।
वही वाल्मीकि समुदाय में इस घटना को लेकर रोष है। पुलिस हिरासत में मौत के बाद पुलिस फूंक फूंक कर कदम रख रही है, आक्रोश में मृतक परिवार और उनका समुदाय कोई घटना न कर दें, इसकज लिए थाना जगदीशपुर को छावनी में बदल दिया गया है।
हालांकि एडीजी पुलिस ने इस घटना पर रोष जताया है, एस एस पी ने पहले ही लापरवाही बरतने के आरोप में निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी, मालखाना प्रभारी हेड मोहर्रिर प्रताप भान सिंह सहित छह को निलंबित किया गया था।