Ghaziabad : पैसे के खातिर कलयुगी बेटे ने मां और भाई को मौत के घाट उतारा

हिमा अग्रवाल

बुधवार, 8 मई 2024 (20:01 IST)
Ghaziabad News in hindi : कलयुगी बेटे ने पैसे के खातिर अपनी मां और दिव्यांग भाई को मौत के घाट उतार दिया। मामला लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के गुलाब वाटिका कॉलोनी का है, जहां पर 65 वर्षीय यशोदा देवी अपने बच्चों के साथ रहती थी। यशोदा के पति की 10 साल पहले मौत हो चुकी है और वह उसके बाद अपने दिव्यांग पुत्र बिजेन्द्र और बड़े बेटे धर्मेंद्र के साथ रहती थी। धर्मेंद्र शराब का आदी था, जिसके चलते उस पर बहुत कर्जा हो गया था। कर्ज की रकम वापस करने के लिए 3 दिन पहले उसने अपनी मां यशोदा से डेढ लाख रुपए मांगे। 
 
मां ने पैसा देने से इंकार कर दिया, जिसके चलते यशोदा और धर्मेंद्र में अनबन हो गई। बेटे की बुरी आदतों से परेशान होकर उसने धर्मेंद्र को अपनी सम्पत्ति से बेदखल करने का मन बना लिया, इसकी भनक जैसे ही धर्मेंद्र को लगी तो उसने अपनी मां और दिव्यांग भाई को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार करते हुए चरपाई के पांवे से धड़ाधड़ वार करके मौत के घाट उतार दिया। 
 
लूटपाट दिखाने की कोशिश : घटना को लूटपाट दिखाने के लिए उसने घर में रखा कैश और जेवर भी गायब कर दिए। धर्मेंद्र अपनी पत्नी और बच्चों के साथ तीसरी मंजिल पर रहता है। रोज बच्चों की दादी सबसे पहले उठ जाती है, लेकिन आज वह नही उठीं तो बच्चे दादी के कमरे में गए। कमरे में दादी मां और चाचा का लहुलुहान शव देखकर उनकी चींख निकल गई। 
 
बच्चों को रोने की आवाज सुनकर धर्मेंद्र और उसकी पत्नी दूसरी मंजिल पर पहुंचे, जहां दोनों शव बेड के ऊपर पड़े हुए थे। कमरे की अलमारियों से जेवर और पैसा गायब था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और फारेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्रित किए। 
 
पुलिस को पहली नजर में लूटपाट के विरोध में हत्या लगी। लेकिन घर के दरवाजे बंद थे और बेटा-बहू और उनके बच्चे तीसरी मंजिल पर सो रहे थे, उनको घर में वारदात का कैसे पता नहीं चला, लुटेरे तीसरी मंजिल पर क्यों नहीं गए? इन प्रश्नों को खोजते हुए पुलिस को किसी नजदीकी का हाथ होने का शक हुआ।
 
बताया कैसे रची साजिश : इसके चलते पुलिसिया रवैया अपनाते हुए धर्मेंद्र से पूछताछ हुई। इसमें उसने खुलासा किया कि मां ने पैसे देने से इंकार कर दिया था। इसके चलते मां और भाई को रास्ते से हटाकर सारी सम्पत्ति का मालिक खुद बनना चाहता था। इसलिए मंगलवार की रात मैंने छत पर जाकर शराब पी और वहां पड़ी चरपाई का पांव निकाल दूसरी मंजिल पर पहुंचा, जहां मां और भाई सो रहे थे।
 
बच्चों के होश उड़े : चरपाई की पांवे से सिर पर धड़ाधड़ वार किए जिसमें दोनों की मौत हो गई और मैं तीसरी मंजिल पर जाकर सो गया। बुधवार की सुबह बच्चों ने हल्ला मचाकर कहा कि दादी और चाचा खून में लथपथ पड़े हैं। पुलिस ने मां-बेटे की हत्या का खुलासा चंद घंटों में कर दिया है, जिसने भी बेटे की करतूत को सुना, उसके मुख से बरबस निकला कि कैसा कलयुग आ गया है, पैसे की खातिर जन्म देने वाली मां को मौत के घाट उतार दिया। 

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