राज्यसभा सांसद ने पत्र में कहा कि मेरे द्वारा राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान एक बयान दिया गया था। उस बयान को राज्यसभा के सभापति द्वारा कार्यवाही से हटा दिया गया था। इस प्रकार उक्त बयान की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई। इसके बावजूद उस बयान को भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर राष्ट्रीय मीडिया एवं सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया।
उन्होंने दावा किया कि इस कारण गत 22 मार्च, 2025 से उनकी हत्या करने, जीभ काटने, गर्दन काटने, गोली मारने जैसी धमकियां दी जाने लगीं तथा बीते 26 मार्च उनके आगरा स्थित आवास पर हमला किया गया। इन तत्वों को शासन एवं प्रशासन का खुला संरक्षण और समर्थन प्राप्त था। उन्होंने यह दावा भी किया कि बीते 27 अप्रैल को उनके ऊपर टायरों, पत्थरों एवं ज्वलनशील तेल फेंककर हत्या का प्रयास किया गया।
सुमन ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनकी हत्या का षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने पत्र में कहा कि मुझे मिली धमकियों के संबंध में मैंने माननीय उपराष्ट्रपति, माननीय गृह मंत्री भारत सरकार को तत्कात अवगत कराया, लेकिन अफसोस की बात है कि अब तक मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सुमन ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने का आदेश देने का कष्ट करें।