आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक ऐतिहासिक फैसले में अवैध निर्माण करने और ऐसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक्सपीरियन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड पर कड़ी कार्रवाई की है। उसकी यह गतिविधि माननीय उच्च न्यायालय (लखनऊ पीठ) और इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान जैसे प्रमुख संस्थानों की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरा पहुंचाती हैं।
न्यायमूर्ति कुमार ने लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा इस तरह की विवादास्पद परियोजना को मंजूरी देने और स्वीकृत मानचित्र में बदलाव करने पर भी निराशा व्यक्त की, जो रेरा अधिनियम और उत्तर प्रदेश अपार्टमेंट (निर्माण, स्वामित्व और अनुरक्षण का संवर्धन) अधिनियम, 2010 के प्रावधानों का पूर्ण उल्लंघन है। साथ ही यह अग्नि सुरक्षा मानदंडों और पर्यावरण मूल्यांकन रिपोर्ट का भी उल्लंघन करता है।
आयोग ने नियमों के उल्लंघन के मद्देनजर स्वीकृत योजना के किसी भी निर्माण को तत्काल रोकने और अतिक्रमित क्षेत्रों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए बने स्थानों को बहाल करने का भी निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति कुमार ने शिकायतकर्ता को लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और सचिव को आदेश की एक प्रति देने का भी निर्देश दिया, ताकि उन्हें निर्देशों को लागू करने के लिए बाध्य किया जा सके। मामले को अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।