आंगनबाड़ी सहायिका के परिवार ने उघैती थाने में शिकायत की। थाने से मामले में उदासीनता दिखाते हुए पीड़ित परिवार को वहां से भगा दिया। पीड़ित परिवार ने थककर 112 नम्बर पर मदद मांगी। पुलिस पहुंची और महिला को अस्पताल ले जाया इया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मीडिया मामले सुर्खियों में लाया। प्रदेश के मुख्यमंत्री का पारा चढ़ गया और उच्चाधिकारियों को घटना स्थल पर भेजा गया। पुलिस ने पीड़िता 48 घंटे बाद पोस्टमार्टम कराया। पीड़ित परिवार की तहरीर पर मंदिर के महंत और उसके दो साथियों पर मुकदमा दर्ज हुआ। वही बदायूं एसएसपी संकल्प शर्मा ने जांच में उघैती थाने के एस ओ राघवेंद्र और दरोगा को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया।
वही पुलिस ने मृतक महिला के परिवार की शिकायत पर जसपाल और वेदराम को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य अभियुक्त महंत सत्यनारायण फरार चल रहा था, जिसको बीती देर रात्रि में उसके ही गांव से गिरफ्तार कर लिया है।
महंत सत्यनारायण की गिरफ्तारी के बाद हैवानियत का शिकार बनी मृतका की आत्मा को शांति मिलेगी। हालांकि आगे इस तरह की वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपी डरे, इसके लिए फास्ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलेगा और आरोपियों पर NSA की कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू हो गई।