उदित राज के बिगड़े बोल, मायावती ने किया पलटवार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2025 (11:16 IST)
Uditraj on Mayawati : पूर्व सांसद उदित राज ने बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उनके दुर्व्यवहार, भ्रष्टाचार और लालच के बावजूद उनकी राजनीतिक ताकत लंबे समय तक बरकरार रही। अब उनका गला घोंटने का समय आ गया है। उदित राज के बयान पर पलटवार करने में मायावती ने भी देर नहीं की। उन्होंने कहा कि उदित राज दल बदलू हैं, उनके बयान को गंभीरता से न लिया जाए।
 
उदित राज ने लखनऊ में कहा कि 1980 के दशक के बाद कांशीराम जी ने उत्तर प्रदेश में बहुजन जागरण की शुरुआत की, जो 2000 के दशक में अपने चरम पर पहुंच गया। भले ही आंदोलन की परिणति राजनीति में हुई, लेकिन इसकी सोच और आधार सामाजिक न्याय रहा है। अन्य राजनीतिक दल राजनीति से शुरू करते हैं और राजनीति पर ही खत्म होते हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी के साथ ऐसा नहीं था।
 
उन्होंने कहा कि मायावती की क्रूरता और अक्षमता के बावजूद कार्यकर्ता और मतदाता लड़ते रहे। कार्यकर्ताओं के घर बिक गए, उनके बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पाई और उनके साथ क्रूरता की गई, फिर भी वे बहुजन राज लाने के लिए संघर्ष करते रहे। फुले, शाहू, आंबेडकर (महात्मा ज्योतिराव गोविंदराव फुले, राजर्षि शाहू महाराज, बी. आर. आंबेडकर) को मानने वाले लाखों कार्यकर्ता निराशा के दौर से गुजर रहे हैं। कुछ लोगों ने अपने स्तर पर छोटे-छोटे संगठन बनाए हैं, लेकिन उनकी (फुले, शाहू, आंबेडकर की) सोच मरी नहीं है।
 
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पूर्व लोकसभा सदस्य ने यह भी कहा कि जिस तरह दलितों की हालत खराब थी, उसी तरह आज मुस्लिम समुदाय भी उसी दौर से गुजर रहा है। मुस्लिम समुदाय अकेले इस स्थिति से नहीं लड़ सकता। दलित भी अकेले सक्षम नहीं हैं। जब भी मुस्लिम समुदाय अपनी समस्या उठाता है, तो उसका नतीजा सांप्रदायिकता में बदल जाता है।
 
मायावती का पलटवार : बसपा प्रमुख मायावती ने सोशली मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के जीतेजी व उनके देहान्त के बाद भी, करोड़ों शोषित-पीड़ित दलितों/बहुजनों के लिए उनके आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान के मानवतावादी संघर्ष का हर स्तर पर तिरस्कार करने वाली खासकर कांग्रेस पार्टी कभी भी इनकी सोच-नीतियों पर खरी व विश्वसनीय नहीं हो सकती।
 
उन्होंने कहा कि अतः विशुद्ध राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए कांग्रेस ’जय बापू, जय भीम, जय मण्डल, जय संविधान’ आदि के नाम पर चाहे जितने भी कार्यक्रम क्यों न कर ले, बाबा साहेब के अनुयाई इनके किसी बहकावे में आने वाले नहीं हैं। वे जागरुक व सतर्क तथा अपने पैरों पर खड़े होने के लिए संघर्षरत हैं।
 
बसपा प्रमुख ने कहा कि, साथ ही, कुछ दलबदलू अवसरवादी व स्वार्थी दलित लोग अपने आक़ाओं को खुश करने के लिए जो अनर्गल बयानबाजी आदि करते रहते हैं उनसे भी बहुजन समाज को सावधान रहने व उन्हें गंभीरता से नहीं लेने की जरूरत है क्योंकि वे सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति मूवमेन्ट से अनभिज्ञ व अपरिचित हैं।

उदित राज के बयान पर क्यों मचा बवाल : इससे पहले उदित राज ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि कृष्ण ने कहा था कि न्याय के लिए लड़ो, जरूरत पड़े तो अपने सगे संबंधियों को भी मार दो। बसपा की चीफ सुश्री मायावती जी ने जो सामाजिक आंदोलन का गला घोंटा है, अब उनका गला घोंटने का वक्त आ गया है।
 
इस पर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस नेता उदित राज कह रहे हैं कि उनके ‘कृष्ण’ ने उन्हें आदेश दिया है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती जी को मार दिया जाए। क्या राहुल गांधी ही वह व्यक्ति हैं, जिन्हें कृष्ण की उपाधि दी गई है? क्या कांग्रेस के भीतर इतनी झुंझलाहट बढ़ गई है कि अब भाषा और राजनीति, दोनों में हिंसा का भाव हावी हो चुका है? राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन सार्वजनिक जीवन में इस तरह किसी की हत्या की बात करना कितना जायज़ है? कांग्रेस हमेशा से दलित-विरोधी रही है, और यह षड्यंत्र उसी मानसिकता को दर्शाता है। पहले सपा ने भी इसी तरह मायावती जी पर जानलेवा हमला करवाया था। सपा और कांग्रेस ने हमेशा सामाजिक न्याय के नाम पर दलितों और पिछड़ों को ठगने का काम किया है।
edited by : Nrapendra Gupta 

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