भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के प्रति संकल्प दोहराते हुए कहा कि उनके जीवन में ‘समाधान’ तब तक नहीं हो सकता जब तक ‘रामनगरी’ में भव्य मंदिर की स्थापना नहीं हो जाती।
आडवाणी ने अयोध्या में आयोजित जनसभा में कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को सोमनाथ मंदिर की तरह अयोध्या में भी मंदिर के निर्माण के लिए पहल करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक जीवन में तब तक समाधान नहीं हो सकता जब तक जिस स्थान पर भगवान राम की मूर्ति स्थापित है, वहां एक भव्य मंदिर नहीं बन जाता। मुझे विश्वास है कि देश में हर रामभक्त चाहेगा कि वह दिन जल्द से जल्द आए कि जिस जगह रामलला विराजमान हैं, वहां मंदिर बन जाए। राम मंदिर निर्माण नहीं हो जाने तक हमारी कोशिशें जारी रहेंगी।
आडवाणी ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के संबंधित तीनों न्यायाधीशों ने अपने निर्णय में माना है कि अयोध्या में जिस जगह रामलला विराजमान हैं, वही रामजन्म स्थल है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र में अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार के कार्यकाल में अयोध्या विवाद के तीन समाधान दिखाई पड़ते थे, पहला, केन्द्र में भाजपा की सरकार हो और इस बात का निर्णय संसद से कराया जाए। दूसरा, अदालत निर्णय करे और तीसरा, हिन्दू-मुस्लिम नेता मिल-बैठकर फैसला करें। (भाषा)