आज मेरा दिन है, वेलेंटाइन डे। मेरी एक और बरसी, प्यार की याद में समर्पित एक और 14 फरवरी। मैंने जब रोम के युवकों की चोरी छुपे शादियाँ करवाई तो कभी सोचा न था कि मेरी ये चोरी एक दिन ऐसा रंग लाएगी। मैंने जब जेलर की बेटी को प्रेम संदेश दिया तो मैंने ये भी नहीं सोचा था कि इस संदेश को सदियों तक पीढ़ियाँ दोहराएँगी।
मैंने नहीं सोचा था कि जिस रात में पकड़ा गया उस रात जिस जोड़े की मैंने शादी कराई उनके साथ प्यार भी हमेशा-हमेशा के लिए आजाद हो जाएगा। मैंने यह भी नहीं सोचा था कि जो बातें मैंने जेलर की बेटी से घंटो बैठकर साझा की वो ऐसी दास्तान बन जाएगी जो भले ही कलम से न लिखी जाए लेकिन सबके जहन में कसक बनकर जिंदा रहेगी।
लेकिन मैंने ये कभी नहीं सोचा था कि 969 AD का प्यार 2010 तक आते-आते मोबाइल और इंटरनेट का प्यार बन जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था कि प्यार महँगे गुलाबों की खुशबू में खो जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था कि प्यार बाइक पर घूमने का लुफ्त हो जाएगा। मैंने नहीं सोचा था कि प्यार पिक एंड ड्रॉप फेसिलिटी बन जाएगा। मैंने ये भी नहीं सोचा था की प्यार क्लॉडियस की जेल से छूटकर राजनीति की गिरफ्त में आ जाएगा।
माना की जमाने के साथ हर चीज बदलती है लेकिन प्यार 'हर चीज' जैसी तो कोई चीज नहीं है। प्यार तो एहसास है और एहसास हर जमाने में एहसास ही हुआ करता है। प्यार के इजहार को बदलने के चक्कर में लगता है प्यार को ही बदला जा रहा है। जेल में मेरे कद्रदानों के भेजे फूल मुझे आज भी ताजा लगते हैं और उनके प्यार भरे संदेश मुझे आज भी जिंदगी से भर देते हैं। फिर दुनिया में प्यार कैसे बदल सकता है।
मैंने कुछ नहीं सोचा और प्यार भी सोचने की चीज नहीं हैं। कभी-कभी सही काम करने की भी सजा भुगतनी पड़ती है और बहुत सारे अच्छे काम भी हैं जो बिना सोचे किए जाते हैं। मैंने भी ऐसा ही काम किया था जिसकी मुझे सजा मिली। मैंने दिलों को मिलाया क्योंकि वो मुझे सही लगा।
मैं आपसे भी यही चाहता हूँ कि प्यार करें तो बिना सोचे समझे। आपका प्यार जैसा है वैसा ही स्वीकार करें। सोचने समझने के लिए जिंदगी में और भी चीजें हैं। खैर, मेरे न सोचने से इतना सब हो गया तो अगर ये सोचूँ कि प्यार वापस अपनी असली शक्ल लेगा तो शायद जरूर हो ही जाए।