क्यों करते हैं वसंत पंचमी पर सरस्वती आराधना

वसंत ऋतु के आगमन पर उत्सव मनाने का दिन वसंत पंचमी, मां सरस्वती की आराधना का विशेष पर्व माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वसंत पंचमी के ही दिन ब्रम्हा जी द्वारा मां सरस्वती की उत्पत्त‍ि की गई थी। तभी से वसंत पंचमी का यह पर्व मां सरस्वती की आराधना का प्रमुख पर्व माना जाता है। 
 
इसके अलावा वसंत पंचमी पर सरस्वती पूजन के लिए एक और कारण प्रचलित है। पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने मां सरस्वती को यह वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन सभी स्थानों में उनकी आराधना की जाएगी। इसके बाद से ही वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजन का विधान है जो वर्तमान में भी जारी है। 
अगले पेज पर पढ़ें...

ऋग्वेद में वाणी की देवी मां सरस्वती का वर्णन इस प्रकार किया गया है 
 
प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु।

 
अर्थात देवी सरस्वती के रूप में परम चेतना, हमारी बुद्ध‍ि, प्रज्ञा और सभी मनोवृत्त‍ियों का संरक्षण करती हैं। हममें जो आचार और मेधा है उनका आधार मां सरस्वती ही हैं, जिनकी समृद्धि‍ और स्वरूप का वैभव बड़ा ही अद्भुत है।
 
इसके अलावा मनुष्य और जगत के प्रत्येक प्राणी की बुद्धि‍, विद्या और वाणी के रूप में देवी सरस्वती विराजमान हैं। उनके आशीर्वाद के बिना प्राणी अपने भावों और विचारों की अभि‍व्यक्ति न हीं दे सकता। मां सरस्वती को वाग्वादिनी, गायत्री, शारदा, कमला, हंसवाहिनी आदि नामों से जाना जाता है।

वेबदुनिया पर पढ़ें