द्वार की चौखट के नीचे वाली लकड़ी या पत्थर जो ज़मीन पर रहती है उसे आम बोलचाल की भाषा में देहरी, देहली और डेली कहते हैं परंतु सही शब्द है दहलीज़ या डेहरी। इसे द्वारपिंडी, ड्योढ़ी, बरोठा भी कहते हैं। वास्तु शास्त्र में इसका बहुत महत्व है। आओ जानते हैं इसके बारे में 5 खास बातें और पांच लाभ।
3. द्वार की देहली (डेली) बहुत ही मजबूत और सुंदर होना चाहिए।
4. कई जगह दहलीज होती ही नहीं जो कि वास्तुदोष माना जाता है। कोई भी व्यक्ति हमारे घर में प्रवेश करे तो दहलीज लांघकर ही आ पाए। सीधे घर में प्रवेश न करें।