side effects of aluminium German utensils: पीतल के बर्तन में भोजन करना और तांबे के लौटे में पानी पीने के कई स्वास्थ लाभ मिलते हैं। कास्ट लोहे के बर्तन खाना पकाने के लिए सबसे सही पात्र माने जाते हैं। शोधकर्ताओं की माने तो लोहे के बर्तन में खाना बनाने से भोजन में आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्व बढ़ जाते हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना और खाना पकाना दोनों ही लाभदायक माने जाते हैं, लेकिन 6 प्रकार के बर्तन में खाना न तो पकाएं और न खाएं।
3. नॉन स्टिक बर्तन non stick utensils : इन दिनों नॉन स्टिक बर्तनों का चलन काफी बढ़ गया है। नॉन स्टिक बर्तनों पर केमिकल कोटिंग होती है। इसमें कोटिंग के लिए पॉलीटेट्राफ्लूरोएथिलिन (PTFE) का उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि इसे आप स्टील के बर्तनों की तरह धो नहीं सकते हैं। दूसरा यह कि इसमें भोजन पकाने या खाने से सेहत संबंधी कई नुकसान होते है। इससे कैंसर जैसे रोग भी हो सकते हैं। आयरन की कमी हो सकती है। किडनी की समस्या भी हो सकती है। इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकता है।
5. एल्युमिनियम के बर्तन aluminum utensils : एल्युमिनियम राहु की धातु है यह भी दुर्भाग्य लाता है। एल्युमिनियम यदि शरीर में ज्यादा हो जाए तो नुकसानदायक हो सकता है। इस तरह के बर्तन में चाय, टमाटर जूस या प्यूरी, सांभर या चटनी बनाने या रखने से बचना चाहिए। इसमें खाना जितनी देर तक रहेगा उतना इसके रसायन घुलते जाएंगे। यह दिमाग और किडनी के लिए नुकसानदायक है।