2. दक्षिण में यम और यमदूतों का निवास होता है।
3.दक्षिण दिशा में मंगल ग्रह है। मंगल ग्रह एक क्रूर ग्रह है। यह कब अच्छा और कब बुरा फल दे कुछ कह नहीं सकते।
4.दक्षिण दिशा में दक्षिणी ध्रुव है जिसका नकारात्मक प्रभाव बना रहता है।
5.दक्षिण दिशा से अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव ज्यादा रहता है जो सेहत के लिए ठीक नहीं है।
7.दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से जिस तरह वह हमारे शरीर की ऊर्जा को खींच लेता है उसी तर वह मकान के भीतर की ऊर्जां को भी खींच लेता है। उदारणार्थ दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से फेफड़ों की गति मंद हो जाती है। इसीलिए मृत्यु के बाद इंसान के पैर दक्षिण दिशा की ओर कर दिए जाते हैं ताकि उसके शरीर से बचा हुआ जीवांश समाप्त हो जाए।
8. यदि आपका घर दक्षिणमुखी होकर दूषित दूषित है तो गृहस्वामी को कष्ट, भाइयों से कटुता, क्रोध की अधिकता और दुर्घटनाएं बढ़ती हैं।
9. इस दिशा में रहने से रक्तचाप, रक्त विकार, कुष्ठ रोग, फोड़े-फुंसी, बवासीर, चेचक, प्लेग आदि रोग होने की आशंका रहती है।