भोजपत्र रखें : अलमारी को दक्षिण की दीवार सटाकर रखें जिससे उसका द्वार उत्तर की ओर खुले। उत्तर दिशा कुबेर की दिशा होती है। अखंडित भोजपत्र पर लाल चंदन को पानी में घोल लें और उसको इंक जैसा इस्तेमाल करते हुए मोर पंख से 'श्रीं' लिखें। अब उस भोजपत्र को तिजोरी में रख दें। कुछ ही दिनों में फायदा शुरु हो जाएगा। पैसा बढ़ता चला जाएगा।
पर्स में क्या रखें : पर्स में सिक्के और नोट को अलग-अलग रखें। पर्स में रुपए कभी भी मोड़ या फोल्ड करके ना रखें। पर्स में 21 अखंडित चावल के दाने बांधकर रखें। पर्स बाईं जेब में रखना अति शुभ माना गया है। तांबे, चांदी की चीजें वॉलेट में रखना लाभप्रदा है। पर्स में एक चांदी का सिक्का रखें जिसमें माता लक्ष्मी की आकृति बनी हो। पर्स में लाल रंग के कागज पर अपनी इच्छा लिखकर उसे रेशमी धागे से बांधकर अपने पर्स में रखें। पर्स में सुगंधित इत्र भी रख सकते हैं।
दहलीज पूजा : वास्तु के अनुसार दहलीज़ टूटी-फूटी या खंडित नहीं होना चाहिए। बेतरतीब तरह से बनी दहलीज नहीं होना चाहिए यह भी वास्तुदोष निर्मित करती है। द्वार की देहली (डेली) बहुत ही मजबूत और सुंदर होना चाहिए। कई जगह दहलीज होती ही नहीं जो कि वास्तुदोष माना जाता है। कोई भी व्यक्ति हमारे घर में प्रवेश करे तो दहलीज लांघकर ही आ पाए। सीधे घर में प्रवेश न करें। रोज शाम को दहलीज की पूजा करने से घर में माता लक्ष्मी का आगमन होता है।