1. वायव्य का दरवाजा:- उत्तर और पश्चिम दिशा के बीच वायव्य दिशा होती है। घर यदि उत्तर व पश्चिम दिशा में है तो ये आपको समृद्धि तो प्रदान करता ही है, यह भी देखा गया है कि यह स्थिति भवन में रहने वाले किसी सदस्य का रूझान अध्यात्म में बढ़ा देती है। लेकिन इसके लिए घर के भीतर का वास्तु भी सही होना चाहिए। वायव्य कोण यदि गंदा है तो नुकसान होगा। इस दिशा से लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।
2. उत्तर दिशा का दरवाजा:- वास्तु के अनुसार उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है। इस दिशा में घर के सबसे ज्यादा खिड़की और दरवाजे होना चाहिए। घर की बालकनी भी इसी दिशा में होना चाहिए। उत्तर दिशा का द्वार समृद्धि, प्रसिद्ध और प्रसन्नता लेकर आता है। इस दिशा में वास्तुदोष होने पर धन की हानि व करियर में बाधाएं आती हैं। इस दिशा से भी लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।
3. ईशान का दरवाजा:- यदि दरवाजा ईशान में है तो यह शांति, उन्नती, समृद्धि और खुशियों का खजाना है। उत्तर और ईशान के दारवाजों में ध्यान रखने वाली खास बात यह है कि सर्दियों में घर में ठंडक रहती है तो गर्माहट का अच्छे से इंतजाम करें। साथ ही ईशान कोण के दारवाजे के बाहर का वास्तु भी अच्छा होना चाहिए। इस दिशा से भी लगातार वायु का प्रवाह बना रहता है।